बहादुरगढ़ : माइनर में नहाने उतरे दो ड्राइवरों की डूबने से मौत, छह बेटियों का पिता था एक मृतक
मृतकों की पहचान राकेश और बदन सिंह के रूप में हुई है। राकेश मूल रूप से रोहतक जिले के गांव बैंसी का रहने वाला था। जबकि बदन सिंह प्रवासी था और मुंडका इंडस्ट्रियल एरिया का रहने वाला था।;
हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़
गांव मुंडाखेड़ा से गुजर रही एनसीआर माइनर में दो गाड़ियों के ड्राइवर डूब गए। एक का शव देर रात को मिला तो दूसरे का शव बाढ़सा के नजदीक सोमवार की सुबह मिला। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर दोनों शव परिजनों को सौंप दिए हैं। इस मामले में 174 के तहत कार्रवाई की गई है।
मृतकों की पहचान राकेश और बदन सिंह के रूप में हुई है। राकेश मूल रूप से रोहतक जिले के गांव बैंसी का रहने वाला था। जबकि बदन सिंह प्रवासी था और मुंडका इंडस्ट्रियल एरिया का रहने वाला था। जानकारी के अनुसार, ये दोनों मुंडका में स्थित एक कंपनी की गाड़ियां चलाते थे। रविवार को तीन गाड़ियां कंपनी से माल लेकर फरुखनगर की तरफ गई थी। माल उतारकर रात को तीनों गाड़ियां वापस चल दी। मुंडाखेड़ा के नजदीक बदन सिंह और राकेश ने अपनी गाड़ियां रोक ली। ये माइनर किनारे नहा रहे थे। इसी दौरान पांव फिसलने से माइनर में गिर गए। बहाव तेज होने के कारण संभल नहीं पाए और डूब गए। आसपास मौजूद लोगों की नजर पड़ी तो उन्होंने बचाव के प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
सूचना मिलते ही पुलिस ने सर्च अभियान शुरू कराया। रात 12 बजे के बाद बदन सिंह का थोड़ी दूरी पर शव बरामद हो गया। राकेश को तलाशने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। अल सुबह राकेश का शव बाढ़सा के नजदीक बरामद हुआ। पुलिस ने नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिए। करीब 48 वर्षीय बदन सिंह छह बेटियों का पिता था। जबकि राकेश दो बच्चों का पिता था। जांच अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर सर्च अभियान शुरू कर दिया था। पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए हैं। मामले में 174 के तहत कार्रवाई की गई है। बता दें कि एनसीआर माइनर में हर साल गर्मियों में काफी लोगों की जान चली जाती है। प्रशासन द्वारा माइनर में नहाने पर रोक लगाई गई है। इसके बावजूद न तो लोग मान रहे हैं और न ही नहाने वालों पर सख्ती हो रही है। इस वजह से हादसे बढ़ रहे हैं। इस सीजन में कई लोगों की जान जा चुकी है।