हरियाणा में दो नए राज्य सूचना आयुक्त हाेेंगे नियुक्त, पांच पद पड़े हैं खाली, जानिए कैसे होती है इनकी नियुक्ति
दो वर्तमान सूचना आयुक्तों चंद्र प्रकाश और रिटायर्ड आईएएस और एडवोकेट पंकज मेहता का कार्यकाल क्रमश: बीती 19 अक्टूबर और 20 अक्टूबर को समाप्त हो गया है। चंद्र प्रकाश की नियुक्ति दिसंबर, 2017 में हुई थी जबकि पंकज मेहता को इसी वर्ष जनवरी, 2022 में नियुक्त किया गया था।;
चंडीगढ़। हरियाणा राज्य सूचना आयोग में आगामी कुछ दिनों में दो नए राज्य सूचना आयुक्त ( स्टेट इनफार्मेशन कमिश्नर ) नियुक्त किए जाएंगे क्योंकि दो वर्तमान सूचना आयुक्तों चंद्र प्रकाश और रिटायर्ड आईएएस और एडवोकेट पंकज मेहता का कार्यकाल क्रमश: बीती 19 अक्टूबर और 20 अक्टूबर को समाप्त हो गया है। इसी कारण गत माह सितम्बर में ही उक्त दोनों रिक्त होने वाले पदों को भरने की कवायद आरम्भ कर दी गई है। चंद्र प्रकाश की नियुक्ति दिसंबर, 2017 में हुई थी जबकि पंकज मेहता को इसी वर्ष जनवरी, 2022 में नियुक्त किया गया था, जिस कारण वह केवल नौ महीने ही इस पद पर रहे। दोनों का कार्यकाल उनकी 65 वर्ष की आयु पूरी होने के कारण समाप्त हो रहा है।
आज की तारीख में आयोग में राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के अतिरिक्त 7 राज्य सूचना आयुक्त हैं। इसी वर्ष पहले जनवरी, 2022 में ज्योति अरोड़ा, रिटायर्ड आईएएस और पंकज मेहता को राज्य सूचना आयुक्त के तौर पर और फिर मार्च, 2022 में प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव, विजय वर्धन, सेवानिवृत्त आईएएस को राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और पूर्व आईएएस डॉ. एसएस फुलिया को राज्य सूचना आयुक्त के तौर पर नियुक्त किया गया था। डा. फुलिया की पत्नी रेणु फुलिया, आईएएस वर्तमान में अंबाला मंडल की कमिश्नर पद पर तैनात हैं। उपरोक्त के अतिरिक्त हरियाणा सूचना आयोग में अरूण सांगवान, कमलदीप भंडारी और जय सिंह बिश्नोई भी बतौर सूचना आयुक्त हैं।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि आरटीआई ( सूचना का अधिकार कानून, 2005 के अनुसार राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त के अतिरिक्त अधिकतम 10 सूचना आयुक्त नियुक्त हो सकते हैं। हालांकि प्रदेश सरकार उससे कम सूचना आयुक्त भी नियुक्त कर सकती है। इस प्रकार सूचना आयुक्तों की 2 ताज़ा नियुक्तियों होने के बावजूद आयोग में 3 सूचना आयुक्तों के पद रिक्त रहेंगे। मौजूदा आरटीआई कानून और उसके अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा अक्टूबर, 2019 में बनाए नियमों अनुसार मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों का कार्यकाल कार्यभार संभालने से 3 वर्ष तक या पद पर नियुक्त व्यक्ति की 65 वर्ष की आयु होने तक, जो भी पहले हो, तक होता है।
हालांकि मूल आरटीआई कानून, 2005 में उपरोक्त कार्यकाल पांच वर्ष होता था जिसमें वर्ष 2019 में मोदी सरकार ने संसद से संशोधन करवाकर कार्यकाल निर्धारित करने की शक्ति केंद्र सरकार को प्रदान कर दी थी जिसे अक्टूबर, 2019 में नियम बनाकर तीन वर्ष निर्धारित किया गया. मौजूदा तौर पर उक्त पदों का वेतन सवा दो लाख रुपये प्रतिमाह है। कानून में उक्त पदों की योग्यता के बारे में उल्लेख है कि वह विधि (कानून), विज्ञान-प्रौद्योगिकी, समाज सेवा, प्रबंधन, पत्रकारिता, जनसंपर्क माध्यम, प्रशासन और शासन में व्यापक ज्ञान और अनुभव रखने वाले समाज के प्रख्यात व्यक्ति होंगे।
कैसे होती है नियुक्ति
सर्वप्रथम प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की स्क्रूटनी कमेटी जितने भी इन पदों के लिए आवेदन प्राप्त होते हैं। उनमें से रिक्त पदों के तीन गुना नामों को शॉर्टलिस्ट करती है। जैसे मौजूदा चयन प्रक्रिया में सूचना आयुक्तों के दो रिक्त पदों के लिए छः योग्य व्यक्तियों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। उन शॉर्टलिस्ट किए गए पैनल में से प्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय वैधानिक कमेटी जिसमें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश का एक कैबिनेट मंत्री भी शामिल होता है, वह उक्त पदों पर फाइनल नियुक्ति करती है।