केंद्रीय वित्तमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक : बिजली कंपनियों को मुनाफे में लाने के लिए की हरियाणा सरकार की तारीफ

निर्मला सीतारमण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों व राज्य के वित्त मंत्रियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर रही थीं। बैठक में निवेश के लिए सक्त्रिय सुविधाओं में वृद्धि के अतिरिक्त ऊर्जावान विकास, सुधार, निवेश वृद्धि तथा एक सुधार केंद्रित कारोबारी माहौल बनाने पर चर्चा हुई।;

Update: 2021-11-15 14:35 GMT

हरियाणा सरकार द्वारा बिजली कंपनियों के लाइन लॉस कम करके उन्हें लाभांश की स्थिति में लाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार के अनूठे प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि वे केंद्रीय विद्युत विभाग के सचिव को हरियाणा द्वारा इस दिशा में किए गए सराहनीय कार्यों का अध्ययन करने के लिए कहेंगी। निर्मला सीतारमण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों व राज्य के वित्त मंत्रियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर रही थीं। बैठक में निवेश के लिए सक्त्रिय सुविधाओं में वृद्धि के अतिरिक्त ऊर्जावान विकास, सुधार, निवेश वृद्धि तथा एक सुधार केंद्रित कारोबारी माहौल बनाने पर चर्चा हुई।

मनोहर लाल ने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि संरचनात्मक सुधार के अंतर्गत उदय योजना के तहत राज्य सरकार डिस्कॉम के सकल वितरण एवं वाणिज्यिक घाटे को कम करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। पिछले पांच वर्षों के दौरान, सकल वितरण एवं वाणिज्यिक घाटा 2015-16 के 30.02 प्रतिशत से घटकर 2020-21 में 16.22 प्रतिशत रह गया। इसके अलावा, 2017-18 के दौरान, डिस्कॉम ने लक्ष्य वर्ष से दो साल पहले ही वित्तीय बदलाव हासिल कर 412 करोड़ रुपये का परिचालन / शुद्ध लाभ अर्जित किया है। वर्ष 2018-19 में यह लाभ 291 करोड़ रुपये और वर्ष 2019-20 में 331 करोड़ रुपये रहा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा डिस्कॉम ने अगले 3 वर्षों में 10 लाख स्मार्ट मीटर स्थापित करने के लिए एनर्जी एफिशिएंट सर्विस लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। दिसंबर 2020 तक 2.15 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए। डिस्कॉम द्वारा स्मार्ट मीटरिंग प्रोजेक्ट में प्रीपेड सुविधा, ट्रस्ट रीडिंग - बेस्ड बिलिंग, बिजली बिल ऑनलाइन देखने के लिए मिस्ड कॉल सुविधा, डाकघरों के माध्यम से बिजली बिल भरना, नए कनेक्शन के लिए उपभोक्ता संतुष्टि दर और डिलीवरी का औसत समय जैसी कई नागरिक- केंद्रित सेवाएं शुरू की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पात्र केंद्रीय सार्वजनिक उपक्त्रमों के माध्यम से सतत विकास लक्ष्य आर्थिक सुधार बांड जुटाए जाएंगे। राज्य सरकार ने लगभग 30,000 करोड़ रुपये के महत्वपूर्ण निवेश के साथ एक पाइपलाइन में प्रमुख योजनाएं/ परियोजनाएं विकसित की हैं। इन परियोजनाओं को लागू करने के लिए एस.पी.वी. स्थापित किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के उपक्त्रम हरियाणा राज्य वित्तीय सेवा लिमिटेड (एचएसएफएसएल) को हरियाणा सतत विकास लक्ष्य आर्थिक सुधार कोष को सहायता देने और इस उद्देश्य के लिए बाजार से धन जुटाने का काम सौंपा गया है।

सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से दी जा रही हैं 25 से अधिक विभागों की औद्योगिक और व्यवसाय से संबंधित सेवाएं

मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति- 2020 के अलावा, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्रों में निवेशकों की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए क्षेत्र विशिष्ट नीतियां भी शुरू की गई हैं। इन्वेस्ट हरियाणा सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से 25 से अधिक विभागों की औद्योगिक और व्यवसाय से संबंधित 150 से अधिक सेवाएं दी जा रही हैं । इस पोर्टल के माध्यम से 3 लाख से अधिक सेवाएं दी जाती हैं।उन्होंने कहा कि राज्य में निवेशकों के हित में की गई अन्य प्रमुख पहलें भूमि अधिग्रहण, भवन नक्शों की स्वीकृतियों और केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली से संबंधित हैं। इसके अलावा, हरियाणा ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापना में उचित मुआवजे और पारदर्शिता का अधिकार (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया है, जो भूमि अधिग्रहण प्रक्त्रिया को सरल बनाकर विकास परियोजनाओं में तेजी लाने का काम करेगा।उन्होंने कहा कि हरियाणा की लार्ज स्केल मैपिंग परियोजना की पहल को भारत सरकार द्वारा अपनाया गया है और 24 अप्रैल , 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'स्वामित्व' परियोजना के रूप में एक राष्ट्रव्यापी योजना शुरू की गई है। हरियाणा में 25 दिसंबर 2020 को 22 जिलों के स्वामित्व दस्तावेज मालिकों को दिए गए हैं।

यूआईडीएफ को स्थापित किया जाए

मनोहर लाल ने सुझाव देते हुए कहा कि शहरी बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए एन. सी. आर. पी. बी. के शहरी बुनियादी ढांचा विकास कोष (यूआईडीएफ) को स्थापित किया जाए। इसके तहत राज्यों को मुख्य बुनियादी ढांचा, विशेषकर एनसीआर क्षेत्र में, विकसित करने में सक्षम बनाने के लिए नाबार्ड की तर्ज पर कम ब्याज दर पर धन उपलब्ध कराया जा सकता है।

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