केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया बोले- कांग्रेस व उसके मित्र दल कोरोना संकट में भी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे

राज्यमांत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि मोदी की छवि को खराब करने के लिए कांग्रेस इस कदर नीचे गिर गई है कि कोरोना की दूसरी लहर को मोदी वैरिएंट बताना, कुंभ को सुपर स्प्रेडर बताकर हिन्दू भावनाओं को भड़काना व ईद पर चुप्पी साधना, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को मोदी महल बताना व जलते शवाें के फोटो विदेशी मीडिया को उपलब्ध कराना जैसे कृत्य करने में लगी है। मगर देश की जनता सबकुछ देख रही है।;

Update: 2021-05-19 12:20 GMT

हरिभूमि न्यूज. यमुनानगर

केंद्रीय जल शक्ति एवं सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ( Union Minister of State Ratanlal Kataria) ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोविड संकट से देशवासियों के बचाव को लेकर अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर ठोस कदम उठा रहे हैं। इसका उदाहरण प्रधानमंत्री द्वारा अब तक देश के मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों, चिकित्सकों, वैज्ञानिकों व उद्योगपतियों के साथ संक्रमण से बचाव के लिए 310 बार बैठकें कर चुके हैं। वहीं, देश के प्रभावित दस राज्यों के 46 डीएम से बात करके उनके जिलों में कोरोना महामारी की स्थिति का आंकलन करके दिशा-निर्देश दे चुके हैं। मगर इसके बावजूद कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार को बदनाम करने के लिए अनाप सनाप बयानबाजी करके जनता को गुमराह करने में लगे हैं।

उन्होंने बुधवार को बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में कोविड महामारी पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जा रहा है। मगर कांग्रेस व उसके मित्र दल कोरोना संकट में भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हैं। उन्होंने कांग्रेस द्वारा सरकार को बदनाम करने के लिए टूलकिट की घोर निंदा की। केंद्रीय राज्यमांत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि मोदी की छवि को खराब करने के लिए कांग्रेस इस कदर नीचे गिर गई है कि कोरोना की दूसरी लहर को मोदी वैरिएंट बताना, कुंभ को सुपर स्प्रेडर बताकर हिन्दू भावनाओं को भड़काना व ईद पर चुप्पी साधना, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को मोदी महल बताना व जलते शवाें के फोटो विदेशी मीडिया को उपलब्ध कराना जैसे कृत्य करने में लगी है। मगर देश की जनता सबकुछ देख रही है।

उन्होंने किसान आंदोलन को कुछ शरारती लोगों के हाथ की कठपुतली बताया। कटारिया ने कहा कि सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 30 प्रतिशत अधिक गेहूं की खरीद एमएसपी पर की है। इस दौरान एमएसपी के रूप में किसानों को 72,406 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा किसानों को मोहरा बनाकर कुछ लोगों द्वारा किसान आंदोलन की आड़ में सरकार को बदनाम करने के लिए षडयंत्र चलाया जा रहा है।


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