डीजल एग्जॉस्ट फ्लूड बनाने में हो रहा था यूरिया का प्रयोग, सीएम फ्लाइंग ने सीज की फैक्टरी

छापेमारी में यह भी सामने आया कि फैक्ट्री संचालक गलत तरीके से टाटा व आईसर जैसी नामी कंपनियों की बाल्टियों में फ्लूड को पैक बाजार में मोटे दाम पर बेच कर कंपनियों के साथ-साथ ग्राहकों को चूना लगा रहे थे।;

Update: 2022-03-10 16:51 GMT

हरिभूमि न्यूज. गन्नौर ( सोनीपत ) 

लाला गढ़ी रोड स्थित एक फैक्ट्री में खेती में प्रयोग किए जाने वाली यूरिया का अवैध रूप से डीजल एग्जॉस्ट फ्लूड बनाने में प्रयोग किया जा रहा था। इसकी गुप्त सूचना मिलने पर बुधवार को ड्यूटी मेजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार प्रदीप कुमार के नेतृत्व में रोहतक सीएम फ्लाईंग की टीम ने फैक्ट्री में छापेमारी कर फैक्ट्री से खेती में प्रयोग की जाने वाली सब्सीडी वाली युरिया के कट्टों को बरामद किया।

इसके अलावा छापेमारी में यह भी सामने आया कि फैक्ट्री संचालक गलत तरीके से टाटा व आईसर जैसी नामी कंपनियों की बाल्टियों में फ्लूड को पैक बाजार में मोटे दाम पर बेच कर कंपनियों के साथ-साथ ग्राहकों को चूना लगा रहे थे। सूचना के बाद थाना गन्नौर प्रभारी धीरज कुमार भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और दो फैक्ट्री संचालकों को काबू कर उनसे पूछताछ शुरू कर दी। फैक्ट्री संचालक रविंद्र व अजय समालखा के देहरा महावटी गांव के रहने वाले हैं। 

मौके से 60 कट्टे यूरिया बरामद

सीएम फ्लाईंग की टीम ने छापेमारी के दौरान मौके से 60 कट्टे यूरिया के बरामद किए हैं। सभी कट्टे खेती की युरिया के पाए गए हैं। इसके साथ ही टीम ने मौके से टाटा व आईसर कंपनी की नकली बाल्टियां व 1000-1000 लीटर की कई टंकियां भी बरामद की है, जिनमें भर कर डीजल एग्जॉस्ट फ्लूड को बेचा जाता था।

टेहा गांव में भी अवैध रूप से तेल बेचने की थी सूचना

सीएम फ्लाईंग की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि टेहा गांव में अवैध रूप से गाडि़यों के तेल की पैकिंग कर बेचा जा रहा है। बाद में टीम को जानकारी लगी कि फैक्ट्री संचालक रविंद्र व अजय ही टेहा गांव में भी तेल का काम करते हैं। फिलहाल टीम दोनों से इस फैक्टी के संबंध में भी पूछताछ कर रही है।

डीजल बीएस-6 की गाड़ियों में प्रयोग होता है डीजल एग्जॉस्ट फ्लूड

डीजल एग्जॉस्ट फ्लूड डीजल बीएस-6 हैवी मोटर व्हीकल में प्रयोग किया जाने वाला एक तरह का रसायन है। यह रसायन यूरिया और विआयनीकृत पानी से मिल कर बनता है। इसके प्रयोग से डीजल इंजन से डीजल निकलने वाले नाईट्रोजन ऑक्साईड गैस को कम करता है। जिससे प्रदूषण का स्तर कम होता है।

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