COVID-19 : बड़ी कंपनियों में लगेंगे वैक्सीनेशन कैंप

हले देश में पहली बार गुरुग्राम में हाई राइज बिल्डिंगों के कोंडोमिनियम में कोविड वैक्सीनेशन के कैंप भी लगाने शुरू किए गए और अब इस प्रयोग को पूरे देश में लागू किया जाएगा।;

Update: 2021-03-27 07:58 GMT

हरिभूमि न्यूज : गुरुग्राम

जिला में पहली  अप्रैल से बड़ी-बड़ी कंपनियों में कोविड वैक्सीनेशन के लिए कैंप लगाए जाएंगे। यह निर्णय उपायुक्त डा. यश गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया।

सरकार की हिदायतानुसार 45 वर्ष या इससे उपर के व्यक्तियों को कोविड से बचाव के टीके लगाने का कार्यक्रम पहली अप्रैल से शुरू होगा। उसी दिन से गुरुग्राम जिला में बड़ी-बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों में 45 वर्ष से अधिक आयु के कर्मियों को टीके लगाने के लिए कंपनी परिसर में ही कैंप लगाने शुरू किए जाएंगे। यह अपनी तरह का देश में पहला प्रयोग होगा। सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव ने बैठक में बताया कि इससे पहले देश में पहली बार गुरुग्राम में हाई राइज बिल्डिंगों के कोंडोमिनियम में कोविड वैक्सीनेशन के कैंप भी लगाने शुरू किए गए और अब इस प्रयोग को पूरे देश में लागू किया जाएगा।

इस बैठक में सरकारी तथा निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि शामिल थे। उपायुक्त डा. यश गर्ग ने कहा कि प्रतिदिन कोविड वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड उनके पास आ रहा है। जिससे उन्हें पता चला है कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों की अपेक्षा निजी अस्पतालों में कोविड वैक्सीनेशन की दर कम है। उन्होंने इसके कारण जानने का प्रयास किया परंतु निजी अस्पतालों को कोई प्रतिनिधि संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। डा. गर्ग ने सभी निजी अस्पतालों से कहा है कि सरकार की हिदायत अनुसार जो भी व्यक्ति कोविड टीकाकरण के लिए पात्रता रखता है, उसे टीका लगाएं।

सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव ने बताया कि आज से किसी भी सरकारी अथवा निजी अस्पताल में कोविड वैक्सीनेशन के लिए रात्रि सत्र नहीं होगा। लेकिन सांध्यकालीन सत्र जारी रहेंगे। डा. यादव ने सभी सरकारी तथा निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे बाहर विदेशों से आए लोगों को भी कोविड से बचाव के टीके लगा सकते हैं। उन्होंने सभी निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों से यह भी कहा कि अब कोविड प्रबंधन का एक वर्ष बीत चुका है जिस दौरान हमने काफी कुछ सीखा है, इसलिए अब हम 24 घंटे के नोटिस पर काम करने के लिए तैयार रहें। डा. यादव ने बताया कि वर्तमान में सभी अस्पतालों के 35 प्रतिशत बैड तथा आईसीयू के बैड कोविड के लिए आरक्षित किए हुए हैं। यदि कोविड मरीजों की संख्या बढ़ती है तो उसी अनुरूप अस्पतालों में उनके लिए बैड भी बढ़ाए जा सकते हैं, इसके लिए सभी अस्पताल मानसिक रूप से तैयार रहें।

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