मां वैष्णो देवी मंदिर : बिना निर्देशों के ही जारी कर दिए फीस के नोटिस, विवाद बढ़ा तो प्रशासक ने वापस लेने के दिए आदेश

मंदिर के संस्थापक सदस्य नीरू वढेरा ने बताया कि पूर्व प्रधान प्रभु दयाल स्वयं कमेटी के सदस्यों को अलग-अलग माध्यम से 500 रुपये कीवार्षिक फीस जमा करवाने के साथ ही नई कार्यकारिणी के चुनाव को लेकर मैसेज भेज रहे हैं। यह पूरी तरह से गलत है।;

Update: 2022-07-19 05:53 GMT

अंबाला शहर के मां वैष्णो देवी मंदिर, सेक्टर-10 की सदस्यता को लेकर चल रहा विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मंदिर की देखरेख के लिए प्रशासक नियुक्त किया जा चुका है। सभी गतिविधियां उनके अधीन चल रही है। इसके बावजूद निवर्तमान प्रधान प्रभुदयाल गोयल गुट की ओर से सदस्यता को फीस जमा करवाने के नोटिस भेज दिए गए। संस्थापक सदस्य नीरू वढेरा ने इस पर कड़ा विरोध जताते हुए प्रशासक को मामले की शिकायत दी। फिलहाल प्रशासक ने तुरंत नोटिस वापस लेने के आदेश दिए हैं। दरअसल रजिस्ट्रार सोसायटी की ओर से 30 जून 2022 को डॉ. गुरूदेव सिंह को इस मंदिर का प्रशासक नियुक्त कर दिया गया है। मंदिर से संबंधित कार्यों की देखरेख अब वे ही कर रहे हैं। संस्था का बैंक एकांउट अब प्रशासक के हस्ताक्षरों से ही चल रहा है।

मंदिर के संस्थापक सदस्य नीरू वढेरा ने बताया कि पूर्व प्रधान प्रभु दयाल स्वयं कमेटी के सदस्यों को अलग-अलग माध्यम से 500 रुपये की वार्षिक फीस जमा करवाने के साथ ही नई कार्यकारिणी के चुनाव को लेकर मैसेज भेज रहे हैं। यह पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि पूव्र प्रधान बिना प्रशासक की अनुमति के कुछ नहीं कर सकते। मगर इसके बावजूद वे मंदिर कमेटी के सदस्यों का मैसेज भेजकर नियम तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब उन्हें भेजे जा रहे मैसेज की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत प्रशासक डॉ. गुरदेव सिंह को मामले से अवगत करवाया है।

खंडन कर वापस ले मैसेज

वढेरा ने बताया कि अब प्रशासक ने पूर्व प्रधान गोयल के मैसेज को तुरंत प्रभाव से रोक लगाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रशासक ने उन्हें भेजे गए मैसेज का खंडन करने के आदेश दिए हैं। वढेरा ने बताया कि प्रभुदयाल गोयल को अब अभी किसी प्रकार का ऐसा अधिकार नहीं दिया गया है कि वे किसी भी सदस्य को फीस व चुनाव को लेकर कोई भी संदेश भेजे। उन्होंने कहा कि अगर वे दोबारा ऐसा करेंगे तो फिर भी वे प्रशासक के जरिए दूसरा कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में वे चुप बैठने वाले नहीं हैं। गोयल अब दोबारा चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल प्रशासक की ओर से वार्षिक फीस जमा करवाने के संदेश रद्द कर दिए गए हैं।


Tags:    

Similar News