विनेश फोगाट के पक्ष में उठने लगी आवाज
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक डा. महेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि महिला कुश्ती पहलवान को निलबंन करना कानून के खिलाफ हैं क्योंकि किसी भी खिलाड़ी को निलंबन करने से पहले उस खिलाड़ी से स्पष्टीकरण मांगना चाहिए था। लेकिन किसी प्रकार का स्पष्टीकरण या नोटिस नहीं देकर कर सीधा निलंबित करना न्यायोचित नहीं हैं।;
हरिभूमि न्यूज. जुलाना
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक डा. महेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि पिछले दिनों ओलंपिक खेल कर स्वदेश लौटी भारत की महिला कुश्ती पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) निलबंन किए जाने को लेकर आवाज उठने लगी हैं। उन्होंने बताया कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (Wrestling Federation of India) द्वारा महिला कुश्ती पहलवान को निलबंन करना कानून के खिलाफ हैं क्योंकि किसी भी खिलाड़ी को निलंबन करने से पहले उस खिलाड़ी से स्पष्टीकरण मांगना चाहिए था। लेकिन रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा किसी प्रकार का स्पष्टीकरण या नोटिस नहीं देकर कर सीधा निलंबित करना न्यायोचित नहीं हैं।
डा. मलिक ने कहा कि पहले विनैश फौगाट पर बैन लगाया उसके बाद नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा हैं। जो कि यह पूरी तरह से भेदभाव पूर्ण हैं। डा. मलिक ने हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री और खेल मंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि ये मामला भारत सरकार के खेल मंत्रालय से उठाकर लगाए गए बैन हटाया जाएं। विनेश फोगाट एक होनहार कुश्ती खिलाड़ी हैं जिसने दो बार कोरोना होने के बाद भी ओलंपिक में भाग लेकर अच्छा प्रदर्शन करना बहुत बड़ी बात है इससे हार जीत कोई मायने नहीं रखता हैं।
डॉ. मलिक ने कहा की विनेश फोगाट देश की उच्च कोटि की खिलाड़ी है ओलंपिक में खेलने और प्रेक्टिस के दौरान जिसको एक अच्छा फिजियोथेरेपिस्ट देना चाहिए था वह नहीं दिया गया और उसके बाद सम्मान करने की बजाए सजा देना न्याय की बात नहीं है।महिला खिलाड़ी विनेश फोगाट का सम्मान करना चाहि ।जिससे अन्य खिलाड़ियों का भी हौसला बढ़े और सरकार के बेटी बचाओ बेटी खिलाओ के नारे का भी सम्मान हो सके।