लाडो ऑनलाइन पंचायत में उठ रही आवाज : लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल हो
लाडो पंचायत में यह बात भी खुल कर सामने आ रही है कि शादी के एक साल में ही बच्चा पैदा करने का दबाव बच्चे व लड़की दोनों की सेहत के साथ बहुत बड़ी खिलवाड़ है। देश के लगभग सभी हिस्सों में सबसे ज़्यादा शादी 18 वर्ष की उम्र होते ही कर दी जाती है और उसके 18 महीने में बच्चों का जन्म व मृत्यु दर पर भी सरकार अगर संग्रहण करे तो असल स्थिति का पता चल सकता है।;
हरिभूमि न्यूज. जींद
देश में पहली बार की जा रही लाडो पंचायत के चौथे संस्करण में लड़कियाें ने कहा कि सरकार अब किस समय का इंतजार कर रही है। आप लड़कियाें की शादी की उम्र पर जनमत संग्रह भी करवा कर देख लीजिए। हर लड़की की ख्वाहिश है कि शादी की उम्र कम सक्षम संवैधानिक तौर पर 21 वर्ष हो। गत 18 जुलाई से अब तक चार लाडो पंचायत ऑनलाइन हो चुकी हैं और लगातार आवाज बुलंद हो रही है कि शादी की उम्र बढ़ाने का सबसे उपयुक्त समय यही है।
लाडो पंचायत के संयोजक सुनील जागलान ने कहा कि लड़की की शादी की उम्र 21 वर्ष होने पर लाडो के एवरेस्ट तय हो सकेंगें जिसे पाने के लिए वह सामाजिक, आर्थिक तौर पर मजबूती मिलेगी। लाडो पंचायत में यह बात भी खुल कर सामने आ रही है कि शादी के एक साल में ही बच्चा पैदा करने का दबाव बच्चे व लड़की दोनों की सेहत के साथ बहुत बड़ी खिलवाड़ है। देश के लगभग सभी हिस्सों में सबसे ज़्यादा शादी 18 वर्ष की उम्र होते ही कर दी जाती है और उसके 18 महीने में बच्चों का जन्म व मृत्यु दर पर भी सरकार अगर संग्रहण करे तो असल स्थिति का पता चल सकता है। हिसार की लाडो शीतल ने अपनी कविता जिसमें उसने लड़की की शादी की उम्र क्यों 18 से 21 वर्ष की जाए विषय को बहुत बेहतरीन तरीके से सबके सामने रखा जिसकी हर किसी ने तारीफ की।
अबकी बार लाडो पंचायत में देश भर में काम करने वाली वाली निलांजना भौमिक ने कहा कि यह आज के लिए लड़की की जिंदगी के लिए बहुत बड़ा बदलाव होगा। यदि सरकार लड़की की शादी की उम्र को बढ़ा दे। इससे पहली तीन लाडो पंचायत में स्त्री रोग विशेषज्ञों से लेकर मनोवैज्ञानिकों ने भी इस पंचायत में भाग लेकर इसके पहलुओं को बताया और इस बात पर सहमति दी है कि लड़की की शादी की उम्र 21 वर्ष हो। सुनील जागलान ने बताया कि हम गांवों में जाकर भी लाडो पंचायत कर रहे हैं जिसमें आज गांव की लड़कियां इस कम उम्र की शादी से मुक्ति पाना चाहती हैं। बैंगलोर की रिसर्च स्कॉलर पूजा जो बैंगलोर में इस मुद्दे पर सेल्फी विद् डॉटर अभियान के साथ कार्य कर रही है ने बताया कि देवांगा बिंदु समाज की लड़कियों पर उन्होंने रिसर्च किया तो पता चला की कम उम्र की शादी वाली सभी लड़कियां मां बन गई हैं और उनकी सेहत सही नहीं है। सुनील जागलान ने कहा कि लाडो पंचायत भारत की इतलौती ऐसी पंचायत है जिसमें मगर क्षेत्र धर्म जाति की लड़की अपनी आवाज बुलंद कर रही है।