सर्वकर्मचारी संघ के नेताओं की चेतावनी, 20 जनवरी को पांचों बार्डर पर करेंगे प्रदर्शन

किसानों की मौतों और कृषि कानूनों को लागू करने करने के विराेध में सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों,नगर निगमों, परिषदों व पालिकाओं के हजारों की तादाद में कर्मचारी शामिल होंगे।;

Update: 2021-01-16 07:05 GMT

Haryana : आंदोलन में बड़ी संख्या में किसानों की मौतों और कृषि कानूनों को लागू करने की हठधर्मिता से गुस्साए कर्मचारी 20 जनवरी को पांचों बार्डरों पर प्रदर्शन करेंगे।सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, महासचिव सतीश सेठी और प्रवक्ता इंद्र सिंह बधाना ने कर्मचारी 20 जनवरी को टिकरी, सिंघु, शाहजहांपुर, ढांसा व पलवल में प्रदर्शन की बात कही है। प्रदर्शन में सभी विभागों, बोर्डों, निगमों,विश्वविद्यालयों,नगर निगमों, परिषदों व पालिकाओं के हजारों की तादाद में कर्मचारी शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि बिजली व रोडवेज के निजीकरण के खिलाफ हुए कर्मचारी आंदोलन में किसानों ने कर्मचारियों का सहयोग किया था। इन प्रदर्शनों का नेतृत्व सिंघु बार्डर पर केन्द्रीय कमेटी के महासचिव सतीश सेठी व उप प्रधान सीलक राम मलिक, टिकरी बार्डर पर उप महासचिव सबिता मलिक, ढांसा बार्डर पर सचिव बिजेंद्र बेनीवाल, शाहजहांपुर बार्डर पर मुख्य संगठनकर्ता धर्मवीर फोगाट व उप प्रधान जगरोशन और पलवल में प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री करेंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान करीब 70 किसान शहीद हो चुके हैं। लेकिन पीएम मोदी समेत किसी भी मंत्री, सांसद व विधायक ने शोक व संवेदना तक व्यक्त करना आवश्यक नहीं समझा है। इससे सरकार के किसान विरोधी रवैए का भी पता चलता है।

प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि केन्द्र सरकार ने किसानों के तीखे विरोध के बावजूद कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए संसद में जबरन तरीके से तीन कृषि कानूनों को पारित किया है। इसी सत्र में केन्द्र सरकार ने पूंजीपतियों के हकों में श्रम कानूनों को रद्द कर तीन लेबर कोड्स (कानूनों) को पास किया है। जिसके खिलाफ किसान व मजदूर आन्दोलन पर है। लेकिन केन्द्र सरकार इनको वापस लेने की बजाय इनको लागू करने की हठधर्मिता पर अड़ी हुई है। किसान आंदोलन को बदनाम कर कमजोर करने के लिए अनाप-शनाप आरोप लगाए जा रहे हैं।

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