यमुना की दिल्ली ब्रांच नहर का जलस्तर बढ़ा, बाढ़ का खतरा, सहमे लोग

सोनीपत में पश्चिमी यमुना लिंक नहर बड़वासनी गांव के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही है। दो दिनों से दिल्ली में पानी की सप्लाई अधिक की जा रही है, जिसकी वजह से नहर में भी जलस्तर बढ़ गया है।;

Update: 2022-07-16 13:32 GMT

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत

सोनीपत में पश्चिमी यमुना लिंक नहर बड़वासनी गांव के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही है। दो दिनों से दिल्ली में पानी की सप्लाई अधिक की जा रही है, जिसकी वजह से नहर में भी जलस्तर बढ़ गया है। खुबडू झाल से शनिवार अलसुबह 300 क्यूसिक अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली ब्रांच नहर का जलस्तर बढ़ गया। इसी वजह से नहर का पानी ओवरफ्लो होकर गांव में घुसने लगा है। इतना ही नहीं पानी की अधिकता की वजह से नहर के एक घाट की दीवार भी गिर गई है। जिस कारण ग्रामीणों को बाढ़ का डर सता रहा है। इसी को लेकर शनिवार को ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए नहर से बचाने की अपील की। वहीं मौके पर पहुंचे सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने जलस्तर कम करने के लिए सुबह छह बजे नहर का 50 क्यूसिक पानी जुआं माइनर में छोड़ा।

बता दें कि सिंचाई विभाग की ओर से खेतों में फसलों की सिंचाई के लिए दिल्ली तक 1350 क्यूसेक पानी की क्षमता वाली दिल्ली ब्रांच नहर का निर्माण कर रखा है। जिसमें रोजाना करीब 980 क्यूसेक पानी बहता रहता है। बारिश के दौरान नदियों में जलस्तर बढ़ा हुआ है। ऐसे में शनिवार अल सुबह खुबडू झाल से 300 क्यूसेक पानी दिल्ली ब्रांच नहर पर छोड़ दिया। पश्चिमी यमुना लिंक नहर के साथ बसे बड़वासनी गांव में 1400 से अधिक घर बने हुए है और सात हजार से अधिक आबादी है। गांव का सरकारी स्कूल भी नहर के साथ ही बना हुआ है। ऐसे में पिछले दो दिनों से ओवरफ्लो होकर बह रही नहर के कारण गांव के कई क्षेत्रों में पानी भर गया है। शनिवार को बरसात भी हुई है। जिसके चलते परिस्थितियों और अधिक गंभीर हो गई है। गांव की तरफ बनी पश्चिमी यमुना लिंक नहर की दीवार भी कई जगहों से खस्ताहालात में है। ऐेसे में अगर नहर के टूटती है तो बड़वासनी गांव में लोगों को बाढ़ जैसे हालातों का सामना करना पड़ सकता है।

गांव में पानी घुसा तो ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

दिल्ली ब्रांच नहर में अचानक जलस्तर बढ़ने के कारण शनिवार सुबह पशु घाट की दीवार गिर गई। जिससे नहर का पानी बड़वासनी गांव की तरफ घुसने लगा। नहर से पानी आता देखकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया और ग्रामीण काफी संख्या में नहर पर पहुंची। इस दौरान ग्रामीणों ने सिंचावई विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। पूर्व जिला पार्षद संजय बड़वासनी ने कहा कि कई वर्षों से दिल्ली ब्रांच नहर की सफाई तक नहीं कराई गई है। कई जगह से नहर कच्ची होने के कारण किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है। सिंचाई विभाग की ओर से कराई जानी वाली नहर की सफाई भी कागजों तक सीमित है। सफाई नहीं होने के कारण नहर ओवरफ्लो हो गई है। सिंचाई विभाग की अधिकारियों की लापरवाही किसी सूरत में बर्दाश्त नही की जाएगी। इस दौरान रामचंद्र, संदीप, प्रदीप, राजबीर, रोहताश, राजेश, कुलदीप समेत अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।

पहले छोड़ा 1280 क्यूसिक पानी, फिर 100 क्यूसिक कम करवाया

बताया गया है कि दिल्ली में पानी की डिमांड बढ़ गई थी। इसी वजह से पश्चिमी यमुना लिंक नहर में 1280 क्यूसिक पानी को छोड़ा गया है। पानी अधिक होने की वजह से बड़वासनी गांव में नहर ओवरफ्लो होकर बहने लगी है। शुरूआती में ग्रामीणों ने अपने स्तर पर ओवरफ्लो को रोकने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनने पर इसकी शिकायत सिंचाई विभाग को की गई। शुक्रवार के बाद शनिवार को भी परिस्थितियों में सुधार न होने व गांव में पानी धुसने के बाद लोगों ने प्रशासन के खिलाफ रोष प्रकट किया। वहीं इसकी सूचना मिलने के बाद सिंचाई विभाग के जेई ने मौके पर पहुंचकर परिस्थितियों का जायजा लेते हुए तुरन्त 100 क्यूसिक पानी कम करने की मांग मुख्यालय के पास भेजी है। अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि अगले दो से तीन घंटे में पानी का स्तर नीचे आ जाएगा।

300 क्यूसिक अतिरिक्त पानी छोड़ा

दिल्ली मेंं बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए दिल्ली ब्रांच नहर में 300 क्यूसिक अतिरिक्त पानी छोड़ा गया। नहर ओवरफ्लो होने से गांव बड़वासनी के पशुघाट की दीवार गिर गई और गांव में लगा घुसने लगा था। जिससे जलस्तर कम करने के लिए जुआं माइनर में नहर का 50 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। नहर का पानी कम होने पर बड़वासनी के बाद कंक्रीट के ब्रेकर का निर्माण शुरू करवाया है। जल्द ही मशीनों से नहर की सफाई करा दी जाएगी। - कैलाश चंद्र, उपमंडल अधिकारी, सिंचाई विभाग

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