Weather Update : हरियाणा में फिर बढ़ने लगी उमस वाली गर्मी, जानिए आगे कैसा रहेगा मौसम का हाल

हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में बुधवार को अधिकतर स्थानों पर मौसम साफ और शुष्क बना रहा और चमचमाती धूप खिली रही। जबकि कुछ स्थानों पर बिखराव वाली हल्की बूंदाबांदी दर्ज की गई।;

Update: 2022-08-03 15:17 GMT

Mausam Ki Jankari

हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में बुधवार को अधिकतर स्थानों पर मौसम साफ और शुष्क बना रहा और चमचमाती धूप खिली रही। जबकि कुछ स्थानों पर बिखराव वाली हल्की बूंदाबांदी दर्ज की गई। आज हरियाणा में कैथल, करनाल, सोनीपत, अंबाला और महेंद्रगढ़ जिलों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश देखने को मिली। सम्पूर्ण इलाके में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हुई और  अधिकतम तापमान 33.0 डिग्री से 37.0 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 24.0 से 28.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में वातावरण में प्रचुर मात्रा में नमी मौजूद होने और तापमान में बढ़ोतरी की वजह से सम्पूर्ण इलाके में  उमस और पसीने वाली गर्मी का फिर से आगाज हो गया है। आज बुधवार को मानसून ट्रफ रेखा अमृतसर, चंडीगढ़, शाहजहांपुर, बाराबंकी, डाल्टेनगंज, दीघा होते हुए दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी की ओर गुजर रही है। जबकि एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में प्रवेश करने वाला है जिस कारण राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवातीय सरकुलेशन बनने जा रहा है। जिसकी वजह से अरब सागर से प्रचुर मात्रा में नमी मिलने वाली है, साथ ही बंगाल की खाड़ी पर बना लो प्रेशर एरिया धीरे धीरे कल ग्वालियर पर पहुंच जाएगा। जिससे मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में जबरदस्त बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। जबकि हरियाणा के राजस्थान से सटे हिस्सों में बारिश की संभावना बन रही है जबकि शेष हरियाणा में बिखराव वाली बारिश देखने को मिलेगी।

बुधवार को जिला महेंद्रगढ़ के नारनौल में सुबह के समय हल्की बारिश दर्ज की गई, साथ ही कनीना के आसपास ढहीना आदि स्थानों पर बिखराव वाली बारिश देखने को मिली। कल बृहस्पतिवार 4 अगस्त को राजस्थान से सटे हरियाणा के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश देखने को मिलेगी क्योंकि वर्तमान मौसम प्रणाली का प्रभाव राजस्थान पर अधिक देखने को मिलेगा। शेष हरियाणा और एनसीआर दिल्ली में भी सिमित स्थानों पर बिखराव वाली बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा। 

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