महिला पुलिस कर्मचारी ने डॉक्टर को मारा थप्पड़, रात 10 बजे हड़ताल पर बैठे रोहतक पीजीआई के डॉक्टर

पुलिस ने महिला के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। लेकिन डॉक्टर गिरफ्तारी पर अड़े हैं। ट्रामा सेंटर, इमरजेंसी और वार्डों में काम ठप हो गया है। सभी जगहों पर सीनियर डॉक्टर्स ने मोर्चा संभाल लिया है।;

Update: 2021-08-28 17:55 GMT

रोहतक।

पीजीआई में शनिवार को जमकर हंगामा हुआ। महिला पुलिस कर्मी पर हाथापाई का आरोप लगाते हुए रात 10 बजे रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर बैठ गए। डॉक्टर्स ने सुरक्षा और आरोपित की गिरफ्तारी की मांग की है। चेतावनी दी है कि जब तक महिला को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे हड़ताल पर ही रहेंगे। दूसरी ओर डीएसपी सज्जन कुमार के हस्तक्षेप करने पर पुलिस ने महिला के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। लेकिन डॉक्टर गिरफ्तारी पर अड़े हैं। ट्रामा सेंटर, इमरजेंसी और वार्डों में काम ठप हो गया है। सभी जगहों पर सीनियर डॉक्टर्स ने मोर्चा संभाल लिया है। डॉक्टर्स ने मांग की है कि पहले भी कई बार मरीजो के तिमारदारों द्वारा डॉक्टर्स के साथ मार पिटाई की जा चुकी है, लेकिन हर बार समझौता करवाकर मामला शांत कर दिया जाता है। कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। पीजीआई के हर डॉक्टर की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं।

वार्ड-5 में मोखरा की रहने वाली फूलवती भर्ती हैं। शनिवार को एक महिला उनसे मिलने आई हुई थी। बताया जा रहा है कि महिला पुलिस कर्मी है और उसकी ड्यूटी पानीपत में है। दोपहर को 1.30 से 2 बजे तक वार्ड में कसल्टेंट का राउंड होता है। यह राउंड लेने के लिए डॉ. सुरेंद्र वर्मा आए हुए थे। इस दौरान मरीजों के सभी तिमारदारों को बाहर निकाला जा रहा था। जब वार्ड में तैनात पीजी डॉक्टर स्वर्ण ने उक्त महिला को बाहर जाने के लिए कहा तो महिला ने दुर्व्यवहार शुरू कर दिया।

हाथापाई की और कॉलर पकड़ा

डॉ. स्वर्ण ने पुलिस को शिकायत में आरोप लगाया कि जब महिला बदतमीजी कर रही थी तो गार्ड को उसे बाहर भेजलने के लिए कहा। आरोप है कि इसी दौरान महिला ने डॉ. स्वर्ण के साथ हाथापाई की। उनका कॉलर पकड़ा और अपशब्द भी कहे। इसके बाद डॉक्टर स्वर्ण अपने सीनियर डॉ. सुरेंद्र के पास गए और पूरा घटनाक्रम बताया। बाद में पुलिस के पास पहुंचे।

कार्रवाई नहीं हो रही

शाम करीब 4 बजे सभी रेजिडेंट इकट्ठा हो गए। आरडीए के आह्वान पर ट्रामा सेंटर और वार्डों से रेजिडेंट डॉक्टर्स को बुला लिया गया। सभी डॉक्टर निदेश डॅ. रोहताश यादव, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पुष्पा दहिया से मिले और कार्रवाई की मांग की। सभी डॉक्टर थाने पहुंचे तो आरोपित महिला पुलिस कर्मी वहीं बैठी हुई थी।

गिरफ्तारी क्यों नहीं

डॉक्टर्स ने आरोप लगाय कि बार-बार कहने के बावजूद पुलिस ने महिला पर एफआईआर नहीं की। शाम 4 बजे शुरू हुआ विरोध और तेज हो गया। डीएसपी सज्जन कुमार पहुंचे और सभी को समझाने का प्रयास किया। बताया जा रहा है कि बाद में डॉक्टर्स की मांग पर महिला के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। लेकिन शाम को डॉक्टर्स को पता लगा कि महिला को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इसके विरोध में रात 10 बजे सभी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए।

काम प्रभावित

पीजीआई में करीब 600 रेजिडेंट डॉक्टर हैं। ट्रामा सेंटर, इमरजेंसी और वार्डों में ये डॉक्टर ही काम संभालते हैं। शनिवार को शाम 4 बजे से पीजीआई की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई थी। सीनियर डॉक्टर्स ने काम संभाल लिया था। हड़ताल लंबी चली तो मरीजों के लिए मुसीबत बन जाएगी।

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