कोरोना वायरस का प्रभाव : अखाड़े हुए सूने तो घर पर ही पसीना बहा रहे पहलवान, कोच से फोन पर ले रहे डाइट और एक्सरसाइज के टिप्स
कोरोना और आमिक्रॉन से बचाव को लेकर सरकार ने नई गाइड लाइन जारी की है। इस गाइड लाइन के तहत स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बंद रखने के आदेश हैं। केवल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी ही नियमों का पालन कर अभ्यास कर सकते हैं।;
हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़
कोरोना के बढ़ते प्रभाव के चलते इलाके के अखाड़े सूने हो गए हैं। यहां के तमाम कुश्ती अखाड़ों में अभ्यास करने वाले अधिकांश अपने घर लौट चुके हैं। फिटनेस बरकरार रखने और आलस्य से बचने के लिए इन दिनों पहलवान अपने घर, नजदीकी पार्कों व खेतों में पसीना बहा रहे हैं। फोन पर ही अपने कोचों से डाइट व टिप्स ले रहे हैं।
दरअसल, कोरोना और आमिक्रॉन से बचाव को लेकर सरकार ने नई गाइड लाइन जारी की है। इस गाइड लाइन के तहत स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बंद रखने के आदेश हैं। केवल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी ही नियमों का पालन कर अभ्यास कर सकते हैं। इलाके में कई कुश्ती अखाड़े हैं। इन अखाड़ों से निकले पहलवानों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है लेकिन इन दिनों ये अखाड़े ही सूने हो गए हैं। हालांकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवानों को छूट है, लेकिन इनमें से भी कई पहलवान दूरी बनाने लगे हैं। बुपनिया स्थित जयवीर अखाड़े में लगभग 125 पहलवान अभ्यास करते हैं। इन दिनों लगभग 30 ही पहलवान अभ्यास करने आ रहे हैं। रेलवे रोड स्थित ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेडियम अखाड़े में भी पहलवानों की संख्या घटकर 10 से 12 तक पहुंच गई है। छारा स्थित वीरेंद्र अखाड़े और झज्जर रोड स्थित छंगा अखाड़े में ही यही स्थिति है।
महामारी से बचने के लिए पहलवान अखाड़ों से तो दूर हो गए हैं लेकिन उन्हंे अपनी फिटनेस की चिंता बरकरार है। इसलिए युवा पहलवान अपने घरों की छतों, आंगन व खेतों में अभ्यास कर रहे हैं। गांव लडरावन के निवासी प्रदीप पहलवान ने कहा कि एक अच्छा पहलवान बनने में कई वर्ष मेहनत करनी पड़ती है। डाइट से लेकर अभ्यास का विशेष ख्याल रखना पड़ता है। रोजाना कड़ा परिश्रम करना पड़ता है। अन्यथा पहलवान आलसी हो जाता है, फिटनेस भी खराब हो जाती है। इसलिए वह रोजाना सुबह-शाम अपने घर की छत पर ही अभ्यास कर रहे हैं। उधर, कोच जयवीर ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही अखाड़े में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवानांे को प्रेक्टिस कराई जा रही है। कोविड नियमों का पालन किया जा रहा है। जो पहलवान अखाड़े में नहीं आ रहे, उनसे लगातार फोन पर संपर्क किया जा रहा है। फोन पर ही डाइट और एक्सरसाइज बताई जा रही है।
बहादुरगढ़ : देसी अखाडे़ का भी है कुछ ऐसा हाल।
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