यमुनानगर : डीएफएसओ, एएफएमओ तथा निरीक्षक के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज

शिकायतकर्ता ने आरोपितों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी थी। जिसके बाद शहर यमुनानगर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ जांच के बाद केस दर्ज किया है।;

Update: 2023-03-18 11:14 GMT

हरिभूमि न्यूज. यमुनानगर

सीएम विंडो पर दी गई शिकायत की फर्जी जांच रिपोर्ट तैयार करने तथा नकली हस्ताक्षर करके दफ्तर दाखिल तैयार करने के आरोप में पुलिस ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के डीएफएसओ,एएफएमओ तथा निरीक्षक के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने आरोपितों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी थी। जिसके बाद शहर यमुनानगर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ जांच के बाद केस दर्ज किया है। 

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिला कुरुक्षेत्र के गांव अमीन निवासी अमित रोहिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसने तीन सितंबर 2021 में जिला खादय एवं पूर्ति नियंत्रक कार्यालय यमुनानगर से आरटीआइ के माध्यम से खादय एवं पूर्ति केंद्र जगाधरी के चार डिपो धारकों के पास बने फर्जी ओपीएच ऑनलाइन राशन कार्डों के आवेदन की सत्यापित प्रतियां मांगी थी। इस आरटीआइ का जवाब चार अक्टूबर 2021 को उन्हें दिया गया। जिसमें बताया गया कि फर्जी ओपीएच राशन कार्ड निरीक्षक सुखचैन सिंह व उप निरीक्षक गुलशन कुमार द्वारा जारी किए गए थे। उन्होंने दोनों अधिकारियों के खिलाफ 18 नवंबर को सीएम विंडो पर शिकायत दी।

इस सीएम विंडो का जवाब विभाग की ओर से अपलोड किया गया। जिसमें कहा गया कि शिकायतकर्ता की शिकायत का अवलोकन सहायक खाद्य एवं पूर्ति अधिकारी द्वारा कर लिया गया है। राशन कार्ड से संबंधित दस्तावेज दिखाकर व राशन कार्ड फर्जी होने के बारे में उन कार्ड धारकों को शिकायतकर्ता के सामने बुलाकर समझा दिया गया है। जिससे वह संतुष्ट है और शिकायत को दफ्तर दाखिल किया गया। जब सीएम विंडो पर अपनी शिकायत की जांच रिपोर्ट देखी तो वह हैरान रह गया। आरोप है कि उनसे विभाग की ओर से न तो फोन पर संपर्क किया गया और न ही कोई कार्यालय में बुलाने का पत्र लिखा गया है।

आरोप है कि डीएफएसओ, एएफएसओ व निरीक्षक ने इस मामले में दोषी अधिकारियों को बचाने के लिए फर्जी जांच रिपोर्ट तैयार की। इस बारे में सीएम विंडो सेल के अधिकारी को फोन कर जानकारी दी तो यह शिकायत रिओपन की गई। रिओपन की गई शिकायत को भी दोबारा से फर्जी साइन कर दफ्तर दाखिल कर दिया गया। उन्होंने इस बारे में पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी थी पुलिस अधीक्षक ने पुलिस को आरोपित अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश दिए जिसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।

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