शरीर को सुडौल और मजबूत बनाने के लालच में बीमारियां पाल रहे युवा
व्यायाम करने वाले युवा अनेक सप्लीमेंट, एस्ट्रायड का प्रयोग कर रहे हैं। इनमें विषाक्त सामग्री के अलावा कई तरह की धातु भी होती हैं। एस्ट्रायड से कुछ समय तक स्टेमिना बढ़ता है, लेकिन बाद में पेट में गैस, कब्ज की शिकायत के साथ हार्मोन्स बिगड़ने का भी खतरा रहता है। कई बार ओवरडोज से लीवर, फेफड़े प्रभावित होते है।;
हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़
फिटनेस (Fitness) की पटरी पर बीमारियां सफर कर रही हैं। युवा शरीर को सुडौल और मजबूत बनाने के लालच में बीमारियां पाल रहे हैं। अनेक आधुनिक व्यायाम शालाओं में युवाओं को प्रतिबंधित दवाएं (Banned drugs) लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है। बेशक सप्लीमेंट और प्रतिबंधित एस्ट्रायड के प्रयोग से मांसपेशियां (Muscles) दिखती तो आकर्षक हैं, लेकिन शरीर का भीतरी हिस्सा इससे प्रभावित होता है। सप्लीमेंट छोड़ने के कुछ वर्ष बाद इसका असर दिखाई देता है।
फिल्मी चकाचौंध और कलाकारों के मसल्स देखकर युवाओं में भी उनकी तरह फिट व सुंदर दिखने की चाहत जागती है। इसके लिए वे बिना सोचे अन्य सप्लीमेंट लेने लगते हैं। ये शरीर के लिए घातक हैं। व्यायाम करने वाले युवा अनेक सप्लीमेंट, एस्ट्रायड का प्रयोग कर रहे हैं। इनमें विषाक्त सामग्री के अलावा कई तरह की धातु भी होती हैं। एस्ट्रायड से कुछ समय तक स्टेमिना बढ़ता है, लेकिन बाद में पेट में गैस, कब्ज की शिकायत के साथ हार्मोन्स बिगड़ने का भी खतरा रहता है। कई बार ओवरडोज से लीवर, फेफड़े प्रभावित होते है।
नागरिक अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बिजेंद्र दलाल के अनुसार व्यायाम, योग और संतुलित भोजन से शरीर सुंदर और मजबूत किया जा सकता है। कोरोना काल में तो संपूर्ण विश्व प्राकृतिक जड़ी-बूटियों पर निर्भरता जता रहा है। अभिभावकों को भी सचेत रहने की जरूरत है। सप्लीमेंट, एस्ट्रायड के प्रयोग से बचें और व्यायाम करें। भोजन में दूध, दलिया, अंकुरित अनाज, प्रोटीनयुक्त फल-सब्जियों का अधिक प्रयोग करके बेहतर फिटनेस पाई जा सकती है।