साइबर ठगी : अपनी सुरक्षा अपने हाथ, सिर्फ मुकदमा दर्ज कर जांच का भरोसा दे रही पुलिस
जिले में एक के बाद एक साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम देकर ठग लोगों की मेहनत की कमाई को चटका रहे हैं। जिला साइबर इस संबंध में ठोस तथ्यों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। खानापुर्ति करने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक प्रैस विज्ञाप्ति के जरिए साइबर ठगी से बचने के लिए एडवाइजरी जारी कर रहे हैं।;
सुनील छिक्कारा. सोनीपत
बैंक में खाता खुलवाने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, स्थाई पते का पहचान पत्र देने व बैंक में दो गारंटर होने के बाद ही खाता खुल पाता हैं। इतनी जानकारी होने के बाद ही बैंक की तरफ से खाताधारक को बैंक की सुविधाएं मुहैया करवाई जाती हैं। ठग की बैंक खाते की जानकारी होने के बाद भी जिले के खाकी के जवान ठग तक नहीं पहुंच पाते। जिले में एक के बाद एक साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम देकर ठग लोगों की मेहनत की कमाई को चटका रहे हैं। जिला साइबर इस संबंध में ठोस तथ्यों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। खानापुर्ति करने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक प्रेस विज्ञाप्ति के जरिए साइबर ठगी से बचने के लिए एडवाइजरी जारी कर रहे हैं। जबकि बैंक की तरफ से सुरक्षा के बारे में हर खाताधारक को अवगत करवाया जाता हैं।
अनसुलझे ठगी के कुछ मामलें, पुलिस कर रही महज खानापुर्ति-
मामला-1: ओएलएक्स पर कार बेचने के नाम पर शिक्षक से एक लाख ठगे-
शहर के अशोक विहार के रहने वाले शिक्षक शिशपाल सिंह से ओएलएक्स पर कार बेचने के नाम पर एक लाख ठगे गए। शिशपाल ने पुलिस को बताया कि उन्होंने देखा कि गौरव थापा और बागपत के गांव खेकड़ा के योगेंद्र शर्मा ने आल्टो व वैगन आर कार बेचने के लिए ओएलएक्स पर डाल रखी है। उसने कार लेने को कहा तो गौरव थापा ने खुद को फौजी बताया था। उन्होंने कहा कि वह कार दिखाने के लिए उनके घर भेज देंगे। जिस पर वह तैयार हो गया। इसके बार गौरव थापा ने फोन कर कहा कि वह कार भेज रहे हैं, लेकिन टांसपोर्ट खर्च, इंश्योरेंस व अन्य खर्च के नाम पर अलग-अलग समय में एक लाख रुपये अपने खातें में डलवा लिए। बाद में वह कहने लगे कि गाडि़यों की पूरी पेमेंट उनके खाते में डाल देना। अगर गाड़ी पसंद नहीं आई तो वह पूरी राशि वापस कर देंगे। उसने पैसे देने से मना कर दिया। उन्होंने बाद में कहा कि वह राई गाड़ी ले आए, खाते में पैसे डाल दो, लेकिन वह उनके झांसे में नहीं आया। जिसके बाद उसे ठगी का पता लगा। उसने मामले को लेकर मार्च माह में एसपी दफ्तर में शिकायत दी थी। जिस पर महज कार्यवाही के नाम पर आज तक आश्वासन ही पीडि़त को मिला हैं।
मामला-2 : स्कूल में आया व्यक्ति, खाते से निकली हजारों की नकदी
शहर के मॉडल टाउन चौकी एरिया में रहने वाले शिक्षिका के खाते से हजारों रुपये की नकदी निकालने का मामला सामने आया था। पीडि़त आंचल जैन ने बताया कि फरवरी माह में स्कूल में एक्सिस बैंक का एक कर्मी आया था। जिसने उनके क्रेडिट कार्ड बनाए थे। बाद में उनके पति ने कहा कि वह क्रेडिट कार्ड को बंद करा दे। इसी एक दिन उनके मोबाइल पर एक महिला का फोन आया था। उसने कहा कि आपका क्रेडिट कार्ड चालू करना है और उसने कुछ जानकारी मांगी। इस पर उसने कहा कि उसे क्रेडिट कार्ड बंद कराना है। जिस पर वह तैयार हो गई और उससे कुछ ओटीपी बताने को कहा। उसने उसे ओटीपी बता दी। बाद में उसके मोबाइल पर कई मैसेज आए, लेकिन लॉकडाउन के चलते वह बैंक में नहीं गई। अब 26 मई को बैंक में गई तो पता लगा कि उसके एटीएम से 40000 व 39000 की खरीदारी की गई है। जिसके ब्याज सहित 88523 रुपये उसे जमा कराने हैं। उसने बैंक अधिकारियों को बताया कि उसने कोई खरीददारी नहीं की। तब उसे ठगी का पता लगा। उसने सिविल लाइन थाना में मुकदमा दर्ज कराया था।
मामला-3: कोरोना की जंग में गवाएं 62 हजार रुपये
सेक्टर- 23 में कोरोना वायरस से लड़ रही जंग को लेकर इस्तेमाल होने वाले मास्क बेचने के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया हैं। शहर के सेक्टर-23 निवासी विजय भारद्वाज ने मास्क बेचने के नाम पर उससे 62000 रुपये की ठगी का आरोप लगाया है। उसने बताया कि दिल्ली की रहने वाले अनीता से उसने मास्क बेचने को सौदा किया था। जिस पर अनीता की फर्म की तरफ से उसके खाते में पैसे डालने के नाम पर उससे खाते व अन्य जानकारी ले ली गई। उससे मास्क भी ले लिए और बाद में उसके खाते से ही नकदी निकाल ली गई। उसका खाता एटलस रोड स्थित बैंक में हैं। जिस पर उसे ठगी का पता लगा तो मामले की शिकायत माडल टाउन चौकी पुलिस को दी। मुकदमा दर्ज होने के साथ ही आगे कार्यवही राम-भरोसे का कागजी फाइलों में बंद तक हो चुकी होगी।
मामला-4: मां के खाते से निकली नकदी, बेटी रह गई अचबंधित
-शहर के देव नगर की रहने वाल ननीता देवी ने बताया कि उसकी मां के खाते से किसी ने 25000 रुपये निकाल लिए हैं। उसने बताया कि कुछ दिन पहले उसकी मां यशवंंती देवी ने 27 मई को अपने खाते से 25000 रुपये निकाले थे। बाद में 28 मई को उसकी मां के खाते से फिर से 25000 रुपये निकल गए। यह राशि मुकुदपुर हाईवे यूपी से निकली है। उन्हें शक है कि किसी ने क्लोन बनाकर राशि निकाली हैं। मामले को लेकर शहर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था।
मामला-5: अधिवक्ता को बनाया निशाना, खाते से चटकाएं थे हजारों
गांव सिटावली हाल में ओमेक्स सिटी निवासी संदीप सिंह ने बताया कि वह अधिवक्ता हैं। उसके पास एचडीएफसी बैंक का क्रेडिट कार्ड हैं। उसका खाता कुमासपुर गांव स्थित शाखा में हैं। दिनांक 14 अप्रैल को उसके खाते से 79 रुपये, 1 रुपये, 1949 रुपये की करीब 40-42 बार करके नकदी निकाल ली। मामले की जांच की तो खाते से 18992 रुपये की नकदी निकाल ली गई। मामले को लेकर बैंक अधिकारियों से बातचीत कर क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक करवाया। उसके बाद पुलिस को शिकायत दी। मुरथल थाना पुलिस ने पीडि़त की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया था।
एक साल बाद भी नहीं हुआ मामला दर्ज, शिकायत लेकर भूल गया जांच अधिकारी
गांव जुआं निवासी सुरेंद्र सिंह ने 25 सिंतबर को पुलिस से शिकायत देकर बताया कि वह खेती-बाड़ी का काम करता हैं। उसने एलआईसी में बीमा करवा रखा हैं। जिसकी किस्त वह समय पर भरता हैं। 25 दिंसबर को उसकी बीमा किस्त को लेकर कॉल आई। उक्त कॉलर ने खुद को कंपनी का कांरिदा बताते हुए बीमा किस्त जमा करवाने की बात की। वह उसकी बातों में आकर सोनीपत बैंक में गया। बैंक बंद होने के कारण उसने मनी ट्रांसफर से शालीमार स्थित यस बैंक की ब्रांच के खाते में 25 हजार रुपये की नकदी डलवा दी। उसने बीमा कंपनी में बात की तो किस्त जमा न होने की बात सामने आई। उसने उक्त कॉलर को कॉल कर मामले की जानकारी दी। वह उसे अभद्रता करने लगा। उसके बाद उसे ठगी होने के बारे में पता चला। मामले को लेकर मॉडल टॉउन चौकी (हाल में सिविल लाइन थाना)पुलिस को शिकायत दी थी। पुलिस ने उसकी शिकायत को अपने पास रख लिया, लेकिन मामला दर्ज नहीं किया। उक्त पुलिस कर्मी का दूसरे थाने में ट्रांसफर तक हो चुका हैं। जिसको इस संबंध में शिकायत दी थी।
बैंक खाते की दी जानकारी, नहीं लिया था संज्ञान
पीड़ित किसान ने बताया कि उसने अपनी शिकायत में पुलिस कर्मी को बैंक का पता व खाते की जानकारी तक मुहैया करवाई हैं, लेकिन पुलिस उसकी मदद नहीं कर रही हैं। पीडि़त ने बताया कि यश बैंक में उक्त खाता हैं। जिसमें उससे धोखाधड़ी कर नकदी को डलवाया हैं। अपने स्तर पर खाताधारक व बैंक की जानकारी जुटाई। उक्त बैंक शालीमार में स्थित हैं। जानकारी मुहैया करवाने के बाद भी पुलिस कर्मी उसकी मदद नहीं कर रहे हैं। एक साल बीतने को हो चुका हैं।
साइबर ठगी से बचने एंव जागरूक रहने के लिए की एडवाइजरी जारी-
1. एटीएम हमेशा स्वयं अंकित करे व सुनिश्चित करें की कोई इसे देख ना सके।
2. पैसे निकालने से पहले छुपे हुए कैमरा स्कीमर डिवाइस आदि की जांच कर ले।
3. एटीएम कीपैड की जांच करे किसी प्रकार का ओवरले डिवाइस कीपैड में ना लगे हो।
4. एटीएम कार्ड इत्यादि से पैसे निकालते समय अपने आस-पास या पीछे किसी को खड़ा ना होने दे।
5. एटीएम पिन को हमेशा बदलते रहे एंव एैसा पिन रखे जो आसानी से अनुमान लगाया ना जा सके।
6. यह सुनिश्चित कर ले की बैकिंग लेन-देन से सम्बन्धित विवरण आपके मैसिज के माध्यम से भी प्राप्त हो।
जिले में ऑनलाइन बैंकिंग करते हुए खाताधारकों को सावधानी बरतनी आवश्यक हैं। लोगों को झांसे में लेकर खातों से नकदी निकाली जा रही हैं। ऑनलाइन ठगी की वारदातें बढ़ी हैं। साइबर सेल की मदद से मामलों को पटाक्षेप करने का प्रयास किया जा रहा हैं। लोगों से अपील हैं कि खाते, एटीएम, क्रेडिट कार्ड की जानकारी किसी को न दे।- जश्नदीप सिंह, पुलिस अधीक्षक सोनीपत।