प्रशासन की पहल : लुप्त होती जा रही परंपराओं से युवा होंगे परिचित
उपायुक्त राजेश जोगपाल के निर्देशों के अनुसार होली के त्यौहार पर एक उत्सव के आयोजन की योजना बनाई गई है, जिसमें होली के अवसर पर किए जाने वाले परंपरागत रीति-रिवाजों को शामिल किया जाएगा।;
हरिभूमि न्यूज : चरखी दादरी
जिला प्रशासन ने क्षेत्र में लुप्त होती परंपराओं को पुनजीवित रखने की ओर महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। उपायुक्त राजेश जोगपाल के निर्देशों के अनुसार होली के त्यौहार पर एक उत्सव के आयोजन की योजना बनाई गई है, जिसमें होली के अवसर पर किए जाने वाले परंपरागत रीति-रिवाजों को शामिल किया जाएगा। पिछले कुछ समय से महसूस किया जा रहा था कि होली सहित अन्य त्यौहारों के समय जो लोक परंपराएं थीं, वे आज समाप्त होती जा रही हैं और बहुत कम युवाओं को अपनी माटी से जुड़ी परंपराओं की जानकारी होती है।
पुराने समय के दौरान त्यौहारों पर जो उत्सव और उल्लास होता था, उसका समाजिक तौर पर आपसी संबंधों को मजबूत रखने में अहम योगदान रहा है। अब ये त्यौहार केवल औपचारिकता बनकर रह गए हैं। ऐसे में अपनी परंपरा को जीवित रखने के लिए त्यौहारों को फिर से उसी पुराने अंदाज में मनाने की जरूरत महसूस की जा रही है। जिससे हमारे युवा और आने वाली पीढ़ी को अपने क्षेत्र के इतिहास एवं परंपराओं की पूर्ण जानकारी हो। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्सव के आयोजन को लेकर उपायुक्तराजेश जोगपाल ने बुधवार को अपने कार्यालय में जिला के अधिकारियों, शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधि और कलाकारों की बैठक ली। बैठक में विचार-विमर्श के दौरान बैठक में विचार-विमर्श के बाद उपायुक्त राजेश जोगपाल ने निर्णय लिया कि इस बार होली के अवसर पर जिला मुख्यालय पर एक उत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें होली की मौलिकता पर आधारित कार्यक्रम होंगे।
दो दिवसीय होगा उत्सव, पारंपरिक कुश्ती दंगल से होगी शुरुआत
उपायुक्त राजेश जोगपाल ने बैठक में दो दिन तक इस उत्सव के आयोजन का निर्णय लिया है और इस आयोजन के लिए जिला शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश सभ्रवाल को मुख्य नोडल अधिकारी बनाया गया है। उपायुक्त ने कहा कि इस उत्सव की शुरुआत कुश्ती दंगल से की जाएगी। पुरानी रीत के अनुसार इस दंगल का आयोजन मिट्टी पर किया जाएगा और यह ओपन प्रतियोगिता होगी। कुश्ती दंगल के आयोजन के लिए जिला खेल अधिकारी प्रीतम सिंह नोडल अधिकारी होंगे। दंगल की पहली कुश्ती का इनाम 31 हजार रुपये होगा। दूसरी कुश्ती के लिए 21 हजार व तीसरी कुश्ती के लिए 11 हजार रुपये का ईनाम दिया जाएगा। इसके अलावा 5100 रुपये और 3100 रुपये आदि ईनामी कुश्तियां भी होंगी।
ढाल-बुड़कुले माला और रंगोली बनाने की होगी प्रतियोगिता
रंगों के त्यौहार की परंपरा के अनुसार ढाल-बुडकुले की माला बनाकर होली की पूजा की जाती है और माला को वहीं होलिका पर चढ़ा दिया जाता है। उपायुक्त ने कहा कि नई पीढ़ी को इस परंपरा से अवगत करवाने के लिए ढाल-बुडकुले तथा माला बनाओ प्रतियोगिता करवाई जाएगी। इस प्रतियोगिता के लिए शिक्षा विभाग की परियोजना अधिकारी प्रकाश फौगाट को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उपायुक्त ने कहा कि इस प्रतियोगिता के लिए निर्धारित किए गए नियमों के अनुसार प्रतिभागी एक माला में अधिकतम 5 ढाल व 20 बुडकुले लगा सकता है। होली उत्सव के दौरान रंगोली प्रतियोगिता भी करवाई जाएगी और इसके नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सीडीपीओ गीता सहारण संभालेंगी। इस प्रतियोगिता में 4गुणा4 वर्ग फुट साईज की रंगोली बनाई जा सकती है।
पारंपरिक होली व्यंजनों का भी होगा मुकाबला
उपायुक्त ने बताया कि पुराने समय से होली व अन्य त्यौहारों पर प्रत्येक घर में विशेष तौर पर अलग-अलग व्यंजन बनाए जाते हैं। हालांकि समय के अनुसार इन व्यंजनों में बदलाव आ गया है। उन्होंने कहा कि इस उत्सव के दौरान होली के त्यौहार पर बनाए जाने वाले व्यंजनों की प्रतियोगिता करवाने का निर्णय लिया गया है और इस कार्य के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि पुडे़, गुलगुले, गुजियां, सुहाली व हलवा इस प्रतियोगिता में बनाया जा सकता है। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मिड डे मील कार्यकर्ता भी अपने व्यंजनों के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकती हैं।
होली पर आधारित होंगे सभी कार्यक्रम
उपायुक्त राजेश जोगपाल ने बताया कि उत्सव के दौरान आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रम होली की थीम पर ही आधारित होंगे। अन्य थीम के कार्यक्रम को प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसी भी श्रेणी अथवा प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए संबंधित नोडल अधिकारी के कार्यालय में संपर्क एवं आवेदन किया जा सकता है। इन सभी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को जिला प्रशासन की ओर से आकर्षक पुरस्कार दिए जाएंगे। होली उत्सव के आयोजन को लेकर आयोजित इस बैठक में नगराधीश अमित मान, जिला शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश सभ्रवाल, जिला मौलिक शिक्षा अधिकरी विरेन्द्र मलिक, सीडीपीओ गीता सहारण, विकास जैन और संजय रामफल इत्यादि मौजूद रहे।