अब आप भी कर सकते हैं नकली शराब की पहचान, विभाग ने तैयार किया App

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में अवैध शराब की सप्लाई और एक्स्ट्रा चार्ज को रोकने के लिए 1 जून से नई आबकारी नीति लागू की जा रही है। ग्राहक अब क्यूआर कोड (QR code) के जरिए भी शराब के असली और नकली (Fake Lcohol) होने के बारे में पता कर सकता है।;

Update: 2021-03-23 07:38 GMT

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में अवैध शराब की सप्लाई और एक्स्ट्रा चार्ज को रोकने के लिए 1 जून से नई आबकारी नीति लागू की जा रही है। ग्राहक अब क्यूआर कोड (QR code) के जरिए भी शराब के असली और नकली (Fake Lcohol) होने के बारे में पता कर सकता है। बता दें कि एक्साइज विभाग पॉलिस्टर बेस्ड क्यूआर कोड होलोग्राम छपवाएगा। क्यूआर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) एक प्रकार का मैट्रिक्स बारकोड (द्वि-आयामी संकेतावली) के लिए ट्रेडमार्क है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मॉनीटरिंग के लिए हर बोतल पर एक होलोग्राम लगाया जाएगा। इस पर लगे बार कोड से सभी तरह की जानकारी मिलेगी। जैसे शराब किस कंपनी की है, शराब का उत्पादन कब हुआ, शराब की बोतल को किस ठेके पर सप्लाई किया गया और कितने में बेची गई? इसके लिए आबकारी विभाग एक एप तैयार कर रहा है। इसे डाउनलोड कर ग्राहक बोतल का बार कोड स्कैन कर सभी तरह की जानकारी ले पाएंगे।

बोतल की सील तोड़ने के बाद बार कोड नहीं होगा स्कैन

बता दें कि अगर शराब में मिलावट करने के लिए सील तोड़ी गई है तो बार कोड स्कैन नहीं होगा। ठेकेदार को भी शराब बार कोड स्कैन कर बेचनी होगी। अवैध शराब के जरिये माफिया चांदी कूट रहे हैं, जबकि सरकार को राजस्व के रूप में चपत लग रही है। ऐसे में ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी से अवैध और नकली शराब पर अंकुश लगेगा।

नई पेमेंट एप भी की लांच

भारत सरकार कैशलेस इकोनॉमी या डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए जोर-शोर से काम कर रही है। सरकार ने भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम) एप भी लांच की थी। इसे और सुगम बनाने के लिए एक नई पेमेंट एप भी लांच की। भारत क्यूआर कोड नाम के इस टूल के उपयोग करने पर बिना स्वाइप मशीन कार्ड से पेमेंट कर सकेंगे। कोई भी शख्स जिसके पास बैंक अकाउंट और स्मार्टफोन है, वह क्यूआर कोड के जरिये पेमेंट कर सकेगा। 

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