कर्ज की राह पर हिमाचल सरकार, 500 करोड़ रुपये का लिया कर्ज
हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकट के बीच जयराम सरकार एक बार फिर कर्ज लेने के लिए मजबूर हो गई है। इस बार 500 करोड़ रूपये का कर्ज लिया जा रहा है। हालांकि, लंबे समय से सरकार ने कर्ज नहीं लिया था। अब जैसे ही स्थिति सामान्य होने लगी और आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ीं तो सरकार ने कर्ज लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।;
हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकट के बीच जयराम सरकार एक बार फिर कर्ज लेने के लिए मजबूर हो गई है। इस बार 500 करोड़ रूपये का कर्ज लिया जा रहा है। हालांकि, लंबे समय से सरकार ने कर्ज नहीं लिया था। अब जैसे ही स्थिति सामान्य होने लगी और आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ीं तो सरकार ने कर्ज लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वित्त विभाग की ओर से कर्ज लेने की अधिसूचना जारी कर दी है। आठ साल की स्टॉक सिक्योरिटीज के बदले में कर्ज लिया जा रहा है। यानी आठ साल कर्ज लौटाया जाएगा। 28 जुलाई को कर्ज संबंधी औपचारिकता रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ पूरी की जाएगी। 29 जुलाई को कर्ज की राशि सरकार के खाते में आएगी, जो 29 जुलाई 2028 को वापस किया जाएगा।
हालांकि, कर्ज लेने के पीछे अक्सर तर्क दिया जाता है कि वह विकास कार्यों पर खर्च होगा, लेकिन हिमाचल को कई बार कर्मचारियों की सैलरी देने के अलावा पुराने लोन की किश्त चुकाने और ब्याज चुकाने के लिए लोन लेना पड़ता है। हिमाचल पर 52 हजार करोड़ से ज्यादा कर्ज का बोझ है। जो अक्सर सियासी मुद्दा भी बनता रहता है। फिलहाल कोरोना संकट है और सरकार के पास आय का कोई बड़ा जरिया भी नहीं है।