Mausam Ki Jnakari: चोटियों ने ओढ़ी सफेद चादर, हिमपात से बढ़ा शीतलहर का प्रकोप
Mausam Ki Jnakari: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बर्फबारी ने पहाड़ों पर अचानक सर्दी बढ़ा दी है। बर्फबारी की वजह से प्रदेश में शीतलहर का प्रकोप जारी है। घरों की छत, खेत, सड़क और रास्तों पर सिर्फ बर्फ ही बर्फ है।;
Mausam Ki Jnakari: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बर्फबारी ने पहाड़ों पर अचानक सर्दी बढ़ा दी है। बर्फबारी की वजह से प्रदेश में शीतलहर का प्रकोप जारी है। घरों की छत, खेत, सड़क और रास्तों पर सिर्फ बर्फ ही बर्फ है। खास बात यह है कि सेव के बगान भी बर्फ की सफेद चादर से ढक गए हैं। लाल दिखने वाले सेव अब सफेद दिख रहे हैं। किन्नौर जिले में सोमवार को खूब बर्फबारी हुई। इससे जिले के कई इलाके बर्फ से ढक गए। यहां के नेसांग और कल्पा के जगलों और पहाड़ों पर सिर्फ सफेद बर्फ ही दिख रही हैं।
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि शिमला के कुफरी, नारकंडा में सीजन की पहली बर्फबारी हुई। साथ ही मनाली, डल्हौजी समेत कई स्थानों पर सीजन का पहला हिमपात हुआ। पर्यटन नगरी मनाली में भी इस सीजन की पहली बर्फ़बारी हुई। रविवार देर रात मनाली शहर सहित आस पास के क्षेत्रों में ताज़ा बर्फ़बारी हुई। घाटी में भी हिमपात हुआ है। देर रात हुई ताजा बर्फबारी के बाद समूची घाटी ठंड की चपेट में है। घाटी में हुई बर्फ़बारी से पर्यटन कारोबार से जुड़े कारोबारियों के चेहरे खिल गए हैं। बर्फ़बारी के बाद तापमान में भी गिरावट आई है।
पर्यटन नगरी मनाली में भी इस सीजन की पहली बर्फ़बारी हुई। रविवार देर रात मनाली शहर सहित आस पास के क्षेत्रों में ताज़ा बर्फ़बारी हुई। घाटी में भी हिमपात हुआ है। देर रात हुई ताजा बर्फबारी के बाद समूची घाटी ठंड की चपेट में है। घाटी में हुई बर्फ़बारी से पर्यटन कारोबार से जुड़े कारोबारियों के चेहरे खिल गए हैं। बर्फ़बारी के बाद तापमान में भी गिरावट आई है।
लाहुल की पहाडि़यों पर भी बिखरी चांदी
समूची घाटी में गत सोमवार देर रात हुई बारिश व बर्फबारी के बाद से तापमान में भारी गिरावट आई है। सोमवार देर रात हुई जिला लाहुल-स्पीति में बर्फबारी के साथ-साथ सीजन का पहला हिमपात हुआ। मनाली सहित कुल्लू की पहाडि़यों पर भी खूब हिमपात हुआ। उधर, बर्फबारी से रोहतांग व बारालाचा दर्रा छह माह के लिए बंद हो गए हैं, जबकि नेशनल हाई- वे 305 जलोड़ी दर्रा में बर्फबारी के कारण बंद हो गया है, जिस कारण आनी-निरमंड की 60 पंचायतों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है।