ड्रैगन की हर चाल पर पैनी नजर, अब कैसे हैं हिमाचल सीमा पर हालात, जानने के लिए यहां पढ़ें...

हिमाचल में चीन से लगती करीब 250 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास झड़प के बाद जैसे-तैसे माहौल को तनाव मुक्त करने की कोशिशें की जा रही थी, लेकिन चीन के एक बार फिर धोखेबाज वाली रणनीति चलते हुए जो पैंगोंग झील के पास किया है।;

Update: 2020-09-01 10:55 GMT

हिमाचल में चीन से लगती करीब 250 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास झड़प के बाद जैसे-तैसे माहौल को तनाव मुक्त करने की कोशिशें की जा रही थी, लेकिन चीन के एक बार फिर धोखेबाज वाली रणनीति चलते हुए जो पैंगोंग झील के पास किया है। उससे बॉर्डर पर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।

30 अगस्त को पैंगोंग झील इलाके के दक्षिणी क्षेत्र में हुई घटना के बाद बातचीत जारी है, लेकिन दोनों ओर से सैन्य मौजूदगी को बढ़ाया गया है। अब भारत और चीन ने अपनी-अपनी ओर टैंकों की तैनाती कर दी है, जो कि ऐसी जगह मौजूद हैं जहां से फायरिंग की जा सकती है।

चीनी टैंक और सैन्य वाहन पैंगोंग इलाके के काला टॉप माउंटेन क्षेत्र के पास मौजूद हैं। इस इलाके को भारतीय सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है। दरअसल, इस इलाके में काला टॉप एक महत्त्वपूर्ण जगह है जो लड़ाई के हिसाब से काफी अहम है, लेकिन भारत की स्पेशल फोर्सेस ने चकमा देते हुए उसी काला टॉप को अपने कब्जे में ले लिया है।

अगर भारत की बात करें तो भारतीय सेना ने भी चुशूल और स्पैंगोर त्सो इलाके में पहले से ही अपने टैंक तैनात कर रखे हैं। भारतीय टैंक जहां पर ताजा झड़प हुई थी, उसके दक्षिणी छोर पर तैनात हैं।

चीन की हर हरकत को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने टैंक और आर्मिलरी सपोर्ट को काला टॉप इलाके में बिछाया हुआ है। दूसरी ओर चीन ने भी बड़ी संख्या में बड़े और छोटे टैंक की तैनाती कर दी है, जो भारतीय रेंज के बिल्कुल पास है।

बता दें कि 29-30 की रात को हुई ताजा झड़प के बाद से ही बॉर्डर पर तनाव की स्थिति है, लेकिन इस मसले को सुलझाने के लिए ब्रिगेडियर लेवल की बातचीत हो रही है, हालांकि अभी इसका कुछ नतीजा आता हुआ नहीं दिख रहा है।

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