कोरोना ने फीका किया सायर पर्व का मज़ा, बाजारों में ग्राहकों की संख्या कम होने से व्यापारी परेशान

कोरोना के कहर से सायर उत्सव पर भी ग्रहण लगता नजर आया। इसका असर सैर पर्व पर देखने को मिला। बाजार की रौनक खत्म ही दिखी। लोगों ने अपने घरों में ही सैर पर्व पूजा अर्चना तक सीमित कर दिया।;

Update: 2020-09-16 12:17 GMT

कोरोना के कहर से सायर उत्सव पर भी ग्रहण लगता नजर आया। इसका असर सैर पर्व पर देखने को मिला। बाजार की रौनक खत्म ही दिखी। लोगों ने अपने घरों में ही सैर पर्व पूजा अर्चना तक सीमित कर दिया। मंदी की दौर से गुजर रहे शहर के व्यापारी परेशान नजर आए। ग्राहकों की संख्या में कमी से दुकानदार बैठे नजर आए । बसों में सवारियां न होने से मालिक बसें खड़ी करने को पहले ही मजबूर हैं। वर्षा ऋतु की समाप्ति का प्रतीक सायर पर्व आज क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया है ।

विशुद्ध स्थानीय पकवानों का यह त्यौहार, हिमाचली परम्परा का आइना, वर्षा ऋतू की समाप्ति व् अच्छी पैदावार की ख़ुशी को प्रकट करने के लिए मनाया जाता है । साथ ही वर्षा काल में विभिन्न बिमारियों की चपेट में न आने की ख़ुशी भी व्यक्त की जाती है। इस बार कोरोना के चलते लोग घरों में ही रहे ।लोगो ने पकवान अपने रिश्तेदारों में नही बांटे व फोन पर बधाई दी ।

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