कम बारिश से बागवानों को हो रहा है नुकसान, नहीं बढ़ रहा सेब का आकार

हिमाचल प्रदेश के मानसून के दौरान कम बारिश होने का असर फलों पर दिखने लगा है। कम बारिश होने के चलते फसलों पर विपरीत असर पड़ने लगा है। ऐसे में किसानों व बागबानों की दिक्कतें बढ़ने लगी हैं।;

Update: 2020-08-15 08:32 GMT

हिमाचल प्रदेश के मानसून के दौरान कम बारिश होने का असर फलों पर दिखने लगा है। कम बारिश होने के चलते फसलों पर विपरीत असर पड़ने लगा है। ऐसे में किसानों व बागबानों की दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। राज्य में मानसून के दौरान अभी तक सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड की जा रही है। राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में जून माह के दौरान सामान्य से कम बारिश हुई है। जुलाई माह के दौरान भी एक दो जिलों को छोड़कर शेष हिमाचल में सामान्य से 25 फीसदी कम बारिश आंकी गई है।

अगस्त माह में भी अब कुछ क्षेत्रों में बादल बरस रहे हैं। ऐसे में मानसून के कमजोर पड़ने से इसका असर फसलों पर पड़ने लगा है। खासतौर पर इसकी मार सेब पर पड़ रही है। राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब की फसल तैयार हो रही है। कम बारिश होने से सेब का उतना आकार नहीं बढ़ पा रहा है, जितना पर्याप्त बारिश से बढ़ता है। बागबानों को कहना कि कम बारिश होने से इसका असर सेब के कलर पर भी पड़ रहा है। ऐसे में सेब के पौधों में रोग पनपने की खतरा भी सताने लगा है। राज्य के कई क्षेत्रों में सेब के पौधों में स्कैब सहित अन्य रोगों ने पांव पसार दिए हैं।


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