हाई कोर्ट ने 943 पदों की भर्ती पर लगाई रोक, बीपीएल श्रेणी के उम्मीदवारों के साथ अन्याय
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने टीजीटी के 587 पदों सहित अन्य 23 श्रेणियों के तहत भरे जाने वाले 943 पदों की भर्ती से जुड़े विज्ञापन पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी है। न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व न्यायाधीश चंद्रभूषण बारोवालिया की खंडपीठ ने दो मार्च, 2020 को जारी विज्ञापन पर स्थगन आदेश पारित करते हुए राज्य सरकार को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं।;
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने टीजीटी के 587 पदों सहित अन्य 23 श्रेणियों के तहत भरे जाने वाले 943 पदों की भर्ती से जुड़े विज्ञापन पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी है। न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व न्यायाधीश चंद्रभूषण बारोवालिया की खंडपीठ ने दो मार्च, 2020 को जारी विज्ञापन पर स्थगन आदेश पारित करते हुए राज्य सरकार को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं। प्रार्थी मौसमदीन द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार ने बीपीएल श्रेणी को आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग में समायोजित कर दिया है।
इससे बीपीएल श्रेणी के उम्मीदवारों के साथ अन्याय किया गया है। बीपीएल श्रेणी के उम्मीदवारों की वार्षिक आय 35000 रखी गई है, जबकि आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों की वार्षिक आय चार लाख तक रखी गई है। प्रार्थी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा बीपीएल श्रेणी के उम्मीदवारों को आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग में समायोजित किए जाने का फैसला पूर्णतया गलत है। हाई कोर्ट ने प्रथम दृष्टया प्रार्थी की दलीलों से सहमति जताते हुए फिलहाल सर्विस सिलेक्शन कमीशन हमीरपुर के दो मार्च, 2020 के विज्ञापन पर रोक लगा दी है, जिसके तहत 24 श्रेणी के विभिन्न पदों पर भर्ती होनी है। मामले पर सुनवाई 21 अगस्त को होगी।