हिमाचल सरकार बॉर्डर खोलने की तैयारी में, अनलॉक-फोर में खत्म हो सकती हैं कुछ शर्तें

हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों की आवाजाही के लिए लगी बंदिशों को राज्य सरकार हटाने की तैयारी में है। अनलॉक-फोर के दौरान सरकार बार्डर एरिया के लिए रखी गई पंजीकरण अनुमति की शर्त समाप्त कर सकती है। इसके तहत जल्द ही साधारण पंजीकरण पर कोई भी व्यक्ति इंटरस्टेट मूवमेंट के लिए अधिकृत हो जाएगा।;

Update: 2020-08-29 08:53 GMT

हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों की आवाजाही के लिए लगी बंदिशों को राज्य सरकार हटाने की तैयारी में है। अनलॉक-फोर के दौरान सरकार बार्डर एरिया के लिए रखी गई पंजीकरण अनुमति की शर्त समाप्त कर सकती है। इसके तहत जल्द ही साधारण पंजीकरण पर कोई भी व्यक्ति इंटरस्टेट मूवमेंट के लिए अधिकृत हो जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसके संकेत दिए हैं।

उनका कहना है कि ट्रैक एंड ट्रेसिंग के लिए रजिस्ट्रेशन के साथ एकनॉलेजमेंट व्यवस्था लागू की गई है। बावजूद इसके कई लोगों को अब भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण सीएम का कहना है कि राज्य सरकार इन बंदिशों को हटाने पर विचार कर रही है।

जाहिर है कि प्रदेश में इंटरस्टेट मूवमेंट के लिए पंजीकरण के बाद अनुमति लेने की प्रक्रिया कोविड पास से भी जटिल है। इसके लिए ओरिजन तथा डेस्टिनेशन दो पुख्ता प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है। यानी प्रदेश से बाहर जाकर वापस आने वाले किसी भी व्यक्ति को जाने वाले स्थान और रवानगी वाले जगह के दोनों पुख्ता प्रमाण पत्र देने पड़ते हैं। मसलन किसी को अगर अपने निजी काम से चंडीगढ़ जाना है, तो इस परिस्थिति में चंडीगढ़ के स्थान का प्रमाण पत्र होना भी जरूरी है।

इसके अलावा यह प्रक्रिया इतनी जटिल है कि इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आवेदन करना सरकारी नौकरी पाने से भी कठिन है। यही कारण है कि प्रदेश का अधिकतर वर्ग अब बॉर्डर खोलने की गुहार कर रहा है। इसके अलावा सीमांत क्षेत्रों में आवाजाही पर की गई सख्ती के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी ठप हो गई है।

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