केरल जैसा विमान हादसा हिमाचल में ना हो इसके लिए रनवे की लंबाई बढ़ाने की जरूरत

केरल के कोझिकोड विमान हादसे को देखते हुए अब हिमाचल में भी हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की भी बात चलने लगी है। केरल जैसा हादसा हिमाचल में ना हो इसके लिए पहले से ही तैयारी करने की जरूरत है।;

Update: 2020-08-09 07:31 GMT

केरल के कोझिकोड विमान हादसे को देखते हुए अब हिमाचल में भी हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की भी बात चलने लगी है। केरल जैसा हादसा हिमाचल में ना हो इसके लिए पहले से ही तैयारी करने की जरूरत है। हिमाचल के तीनों हवाई अड्डे छोटा रनवे होने के चलते हाई रिस्क पर हैं। बीते कई वर्षों से शिमला के जुब्बड़हट्टी, कांगड़ा के गगल और कुल्लू के भुंतर हवाई अड्डे के विस्तारीकरण का प्रस्ताव फाइलों में ही घूम रहा है। केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से मौके का निरीक्षण करने के बाद भी इस संदर्भ में गंभीरता से कोई फैसला नहीं लिया गया है। केरल के कोझिकोड जैसा हादसा देवभूमि हिमाचल में न हो, इसके लिए समय रहते कदम उठाने की जरूरत है।

शिमला से करीब बीस किलोमीटर दूर स्थित जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे का रनवे करीब 1200 मीटर है। गगल एयरपोर्ट का रनवे 1370 मीटर और भुंतर हवाई अड्डे का रनवे 1050 मीटर लंबा है। हवाई जहाज की सुरक्षित लैंडिंग को 1500 मीटर रनवे होना जरूरी है। शिमला हवाई अड्डे के तीन ओर गहरी खाई है। भुंतर हवाई अड्डे के आगे ब्यास नदी बहती है।

ऐसे में यहां भी कोई हादसा हो सकता है। मार्च 2020 में बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि कांगड़ा और शिमला हवाई अड्डों के विस्तार को आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। सरकार कांगड़ा और शिमला के हवाई अड्डों के विस्तारीकरण को आवश्यक भूमि उपलब्ध कराएगी। कांगड़ा में इसको लेकर प्रयास भी शुरू हुए थे, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते मामला अभी लटका हुआ है। गगल हवाई अड्डे के नए मास्टर प्लान में 3010 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रनवे प्रस्तावित है। शिमला और भुंतर हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को लेकर भी प्रस्ताव बनाए गए हैं।


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