शिमला के बाद लाहौल-स्पीति में प्रशासन की पहल, लावारिस कुत्ता गोद लेने पर मिलेगा ये इनाम
प्रदेश की राजधानी शिमला की तर्ज पर लाहौल-स्पीति जिले में एक अनोखी पहल की शुरूआत की गई है। इस अनोखी पहल से लावारिस कुत्तों को आश्रय मिलेगा। इस योजना के तहल जो भी व्यक्ति लावारिस कुत्ते को गोद लेगा।;
प्रदेश की राजधानी शिमला की तर्ज पर लाहौल-स्पीति जिले में एक अनोखी पहल की शुरूआत की गई है। इस अनोखी पहल से लावारिस कुत्तों को आश्रय मिलेगा। इस योजना के तहल जो भी व्यक्ति लावारिस कुत्ते को गोद लेगा। लाहौल-स्पीति प्रशासन उस व्यक्ति को हर साल एक गैस सिलिंडर फ्री भरवाकर देगा। लाहौल-स्पीति प्रशासन ने इसके लिए एक कमेटी का गठन किया है।
कमेटी में एसडीएम केलांग, उदयपुर, एडीएम काजा, सदस्य सचिव उपनिदेशक पशुपालन विभाग, खंड विकास अधिकारी होंगे। कमेटी हर माह बैठक कर योजना का रिव्यू करेगी। उपायुक्त पंकज राय ने बताया कि नगर परिषद शिमला की तर्ज पर लावारिस कुत्ता गोद लेने की नीति बनाई गई है। दो तरह से कुत्तों को अपनाने (गोद लेने) का विकल्प दिया गया है।
व्यक्तिगत रूप से कुत्ता गोद लेने वाले व्यक्ति को प्रशासन एक एलपीजी गैस सिलिंडर प्रतिवर्ष मुफ्त देगा। इसके लिए सभी अधिकारी आर्थिक रूप से योगदान करेंगे। इन कुत्तों का मुफ्त में एंटी रैबीज टीकाकरण होगा। दूसरी ओर सामुदायिक रूप से भी कुत्तों को गोद लिया जा सकता है। इसमें कोई भी संगठन, व्यापार मंडल अथवा महिला मंडल, युवक मंडल आदि यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी निर्धारित स्थान पर कुत्तों के लिए खाना और पानी मिलता रहे।
भविष्य में इन कुत्तों के लिए प्रशासन आश्रय स्थल बनाएगा। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग शीघ्र सर्वेक्षण के तहत लावारिस कुत्तों की सही संख्या से संबंधित जानकारी कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करेगा। वर्ष 2021 में एनिमल बर्थ कंट्रोल कार्यक्रम चलाया जाएगा। जिले में सभी पालतू कुत्तों का पंजीकरण आवश्यक होगा। इस दौरान सहायक आयुक्त राजेश भंडारी, उप निदेशक पशुपालन गणेश आदि मौजूद रहे।