बर्फबारी ने रोकी प्रदेश की रफ्तार, HRTC के 350 से अधिक रूट प्रभावित
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के चलते जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। बर्फबारी का सबसे ज्यादा प्रभाव सड़क मार्गों पर पड़ा है। भारी हिमपात के चलते राज्य के कई क्षेत्रों का दिनभर मुख्यधारा से संपर्क कटा रहा।;
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के चलते जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। बर्फबारी का सबसे ज्यादा प्रभाव सड़क मार्गों पर पड़ा है। भारी हिमपात के चलते राज्य के कई क्षेत्रों का दिनभर मुख्यधारा से संपर्क कटा रहा। हिमपात के कारण प्रदेश में तीन नेशनल हाईवे, एक स्टेट मार्ग सहित 401 सड़कें यातायात के लिए बंद रहीं। सड़कों के बंद रहने से सोमवार को एचआरटीसी के भी 350 से अधिक रूट प्रभावित हुए। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार बर्फवारी से सबसे ज्यादा सडकें चंबा में बंद रहीं।
चंबा में हिमपात के चलते 150 ग्रामीण सड़कों पर वाहनों के पहिए थमे रहे। कुल्लू में रोहतांग व जलोड़ी पास नेशनल हाईवे सहित 57 मार्ग वाहनों के लिए बंद रहे। लाहुल स्पीति में नेशनल हाईवे 505, एक स्टेट मार्ग के साथ-साथ 75 मार्गों पर वाहनों के पहिए थमे रहे। इसके अलावा शिमला में 91, मंडी में 27 और सिरमौर में एक सड़क यातायात के लिए बंद रही। इसके चलते लोगों को आवाजाही में परेशानियों का सामना करना पड़ा है। उधर, लोक निर्माण विभाग का दावा है कि बंद पड़ी सड़कों को जल्द ही वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया जाएगा।
हीरानगर पेट्रोल पंप के पास काफी संख्या में वाहन खड़े हुए थे। कुछ बसें भी यहीं पर रोक दी गई थीं, जबकि कुछ बसें धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थीं। कई चालक तो बीच रास्ते से ही वाहनों को मोड़ कर वापस चले गए। इसके अलावा लोकल रूटों पर चलने वाली बसों में बैठी सवारियां भी पैदल ही अपने गंतव्य की ओर निकल गईं जाम खुलने में देरी होने से लोग कार्यालय पहुंचने में लेट न हो जाएं, इसलिए वे पैदल की टुटू की ओर निकलना शुरू हो गए, क्योंकि टुटू से शिमला के लिए बसें चली हुई थीं। ऐसे में निगम की ज्यादातर बसें जाम के बीच ही पूरी तरह से खाली हो गईं।
केवल लाँग रूट की बसों में ही सवारियां बैठी हुई थीं। बता दें कि जाम सोमवार सुबह करीब सात बजे से ही लगना शुरू हो गया था। जैसे-जैसे वाहनों की संख्या बढ़ती गई, वैसे-वैसे गाडि़यां की कतारें भी लंबी होती गईं। करीब नौ बजे तक जाम 10 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा हो गया था। हालांकि पुलिस के जवान भी मौके पर पहुंच गए थे, लेकिन तब तक जाम काफी लंबा हो गया था। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद जाम खुलवाया। इसके बाद वाहनों की आवाजाही शुरू की गई। रेंगते-रेंगते हुए वाहन शिमला की और बढ़ रहे थे। लोग तीन से चार घंटे देरी से ही कार्यालय पहुंचे।