ट्रक यूनियन ने डीजल के रेट बढ़ने की दलील देकर पांच रुपये प्रति पेटी भाड़ा बढ़ाया

सेब सीजन में ट्रक यूनियनों ने पांच रुपये प्रति पेटी भाड़ा बढ़ा दिया। करसोग के बाद शिमला के कोटखाई की ट्रक यूनियन ने बागवानों को डीजल के रेट बढ़ने की दलील देते हुए झटका दिया है। बागवान भी फसल समय पर मंडियों में पहुंचाने की चिंता के कारण विरोध नहीं कर पा रहे।;

Update: 2020-07-19 08:11 GMT

सेब सीजन में ट्रक यूनियनों ने पांच रुपये प्रति पेटी भाड़ा बढ़ा दिया। करसोग के बाद शिमला के कोटखाई की ट्रक यूनियन ने बागवानों को डीजल के रेट बढ़ने की दलील देते हुए झटका दिया है। बागवान भी फसल समय पर मंडियों में पहुंचाने की चिंता के कारण विरोध नहीं कर पा रहे। एक ट्रक में करीब साढ़े तीन 300 से पौने 400 पेटी सेब लोड होती है।  वर्तमान में चंडीगढ़ का प्रति पेटी किराया 60 और दिल्ली का 80, मुंबई का 120, अहमदाबाद 140 और जयपुर का 120 रुपये है। ट्रक आपरेटर कहते हैं कि पिछले दो साल में सरकार और प्रशासन ने ट्रक भाड़े में कोई वृद्धि नहीं की।

दो साल पहले सेब की ढुलाई के जो रेट तय थे, वह अभी तक नहीं बढ़ाए। डीजल के दाम बढ़ने से अब भाड़ा बढ़ाना पड़ रहा है। प्रदेश किसान समिति के महासचिव संजय चौहान कहते हैं कि एक तरफ खराब मौसम की मार और कोरोना के चलते नेपाली लेबर बागवानों को नहीं मिल रही, ऊपर से अब बागवानों को सेब ढुलाई महंगी पड़ेगी। कोटखाई ग्रोवर एंड ट्रक ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष प्रताप चौहान कहते हैं कि सेब ढुलाई का किराया दो साल पहले तय हुआ था। ट्रक मालिक प्रति पेटी पांच रुपये बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। सरकार और प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया, इसलिए यूनियन ने खुद ही प्रति पेटी किराया पांच रुपये बढ़ा दिया है। करसोग ट्रक यूनियन ने तीन रुपये भाड़ा पहले ही बढ़ा दिया है। 


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