हिमाचल न्यूज: लॉकडाउन के दौरान अप्रैल और मई में 136 लोगों ने किया सुसाइड
लाॅकडाउन में लोगों की समस्याएं काम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। बेरोजगार होने पर युवा अब नौकरियों की तलाश में हताश होकर आत्मघाती कदम उठा रहैं हैं। लॉकडाउन के समय यहां लोगों के आत्महत्या करने का सिलसिला खत्म होने का नाम नहींं ले रहा है।;
लाॅकडाउन में लोगों की समस्याएं काम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। बेरोजगार होने पर युवा अब नौकरियों की तलाश में हताश होकर आत्मघाती कदम उठा रहैं हैं। लॉकडाउन के समय यहां लोगों के आत्महत्या करने का सिलसिला खत्म होने का नाम नहींं ले रहा है। प्रदेश की राजधानी शिमला के न्यू-शिमला में 20 साल के युवक ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अंशुल कश्यप (20) न्यू शिमला की पूर्व महिला पार्षद का बेटा था। लेकिन, उसने यह आत्मघाती कदम क्यों उठाया, पता नहीं चल पाया है। ऊना में गांव लोअर देहलां के वार्ड 7 निवासी 37 वर्षीय युवक ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। लोअर देहलां निवासी शेर सिंह कारोबार में घाटे और बीमारी के चलते तनाव में था। इसी तरह बीते सोमवार को शिमला , कुल्लू और मंडी में तीन लोगों ने सुसाइड कर लिया। ऐसे कई मामले रोजाना सूबे में आ रह हैं। अहम बात यह है कि कोरोना काल में मानसिक तनाव के चलते लोग ऐसे आत्मघाती कदम उठा रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश में 2020 में छह महीने में कुल 237 सुसाइड केस रिपोर्ट हुए हैं। अप्रैल और मई में 136 लोगों ने सुसाइड किया है। इसमें 15 केस ऐसे हैं, जो आत्महत्या को मजबूर करने वाले हैं। जून के आंकड़ें आना बाकी है। यानी दो माह में औसतन रोजोना दो लोगों ने जान दी है। ऐसे में अगर जून में अनुमान लगाया जाए तो कुल मिलाकर तीन महीने में 200 के करीब लोगों ने अपनी जान दी है। अकेले मई में 81 खुदकुशी के मामले सामने आए। आत्महत्या करने वालों में 75 पुरुष और 46 महिलाएं शामिल हैं। साल 2020 में सबसे अधिक केस 54 कांगड़ा जिले में रिपोर्ट हुए हैं। इसके बाद मंडी में 43 केस सामने आए हैं। शिमला में 23, सिरमौर में 20, कुल्लू में 15, ऊना में 21, सोलन में 13, बिलासपुर में 14, चंबा में 6, हमीरपुर में 16, किन्नौर में पांच और बद्दी में 7 सुसाइड पेश आए हैं। केवल लाहौल स्पीति में कोई मामला नहीं है।