सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो 1 अगस्त से थम सकते हैं 108 एंबुलेंस के पहिये!

हिमाचल प्रदेश में 108 और 102 कर्मचारी यूनियन पूर्ण चंद का कहना है कि सरकार लॉक डाउन की तरह समय आगे से आगे बढ़ा रही है, लेकिन कोई ठोस नीति नहीं बना रही। कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें सरकार एनएचएम में मर्ज करे।;

Update: 2020-07-31 12:54 GMT

हिमाचल प्रदेश में 108 और 102 कर्मचारी यूनियन पूर्ण चंद का कहना है कि सरकार लॉक डाउन की तरह समय आगे से आगे बढ़ा रही है, लेकिन कोई ठोस नीति नहीं बना रही। कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें सरकार एनएचएम में मर्ज करे। वहीं कंपनी का इस समय मे कर्मचारियों को टर्मिनेट करना कानून के खिलाफ है। क्योंकि ये मामला कोर्ट में चल रहा है। ऐसे में अगर आज कंपनी ने सभी कर्मचारियों का टर्मिनेशन वापिस नही लिया तो मजबूरन सभी कर्मचारियों को एंबुलेंस छोड़नी पड़ेगी और आजकल ऐसी महामारी के दौर में कंपनी और सरकार प्रदेश कि जनता की जिंदगी के साथ खिलवाड़ के लिए जिम्मेदार होगी।

कंपनी ने तो 30 जून को ही कर्मचारियों को निकाल दिया था, लेकिन सरकार के दखल के बाद कर्मचारियों का सेवाकाल 15 जुलाई के बाद 31 जुलाई तक बढ़ा दिया था। आश्वासन दिया था कि जल्द ही कुछ फैसला लिया जाएगा। 15 जुलाई से 31 जुलाई आ चुकी है, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस नीति नहीं बनाई है। दरअसल, हिमाचल में सभी एम्बुलेंस का संचालन जीवीके ईएमआरआई कंपनी करती है और कर्मियों के साथ करार 30 जून को ही खत्म हो चुका था। ऐसे में कंपनी ने सभी 108 ओर 102 एम्बुलेंस के कर्मचारियों को कंपनी ने बिना किसी नोटिस के टर्मिनेशन लेटर 25 जून को दिए थे और कहा था कि 30 जून के बाद आपकी सेवा समाप्त की जाएगी। हालांकि, प्रदेश सरकार के साथ करारनामा 2021 तक है।

29 जून को 108/102 कॉन्ट्रेक्ट वर्कर यूनियन का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान और निदेशक स्वास्थ्य मिशन निपुण जिंदल से मिला था, जिसके बाद यूनियन को आश्वस्त कर कम्पनी को नोटिस जारी कर दिया और उसके बाद कंपनी ने सभी कर्मचारियों की सेवाएं 15 जुलाई तक बढ़ा दी थी और 15 जुलाई को फिर सरकार के दखल के बाद सेवा काल को 31 जुलाई तक ओर बढ़ाया गया।


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