Himachal: 27 किमी पैदल चलकर 18 हजार फीट ऊंचाई से सभी ट्रैकर्स और दो शवों को रेस्क्यू कर लौटे जवान
हिमाचल प्रदेश में खमींगर ग्लेशियर पर फंसे हुए तमाम 16 ट्रैकर्स व दो शवों का रेस्क्यू कर लिया गया है। रेस्क्यू टीम ने दोनों शव को काजा प्रशासन को सौंप दिया है। इस रेस्क्यू टीम में आईटीबीपी के जवान शामिल रहे।;
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के लाहौल स्पीति के खमींगर ग्लेशियर (Lahaul Spiti) पर फंसे हुए सभी 16 ट्रैकर्स का रेस्क्यू कर लिया गया (16 trackers rescued) है। यहां से दो शवों को भी रेस्क्यू (Rescue of two dead bodies) कर लाया गया है। इस रेस्क्यू टीम में आईटीबीपी (ITBP) के जवान और अन्य लोग शामिल रहे। रेस्क्यू टीम ने खमींगर ग्लेशियर पर फंसे चार पोर्टर को भी सुरक्षित निकाल लिया है। साथ ही रेस्क्यू टीम ने बरामद दोनों शवों को काजा प्रशासन को सौंप दिया है।
आईटीबीपी के मुताबिक 17 बटालियन के जवान दो शवों को कंधों पर उठाकर 27 किमी की पैदल यात्रा के बाद काजा पहुंचे हैं। 18 हजार फीट के ऊंचाई पर दोनों शव और 16 ट्रैर्क्स फंसे हुए थे। वैसे शवों से पहले ही बुधवार को 16 लोग काजा पहुंच गए थे। इन लोगों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। इनमें शामिल ट्रैकर्स पश्चिम बंगाल के निवासी थे।
बताया गया है कि बीते 15 सिंतबर को बातल से 18 सदस्यीय टीम रवाना हुई। जिसमें छह छह सदस्य, एक शेरपा व 11 पोटर थे। इनका ट्रेक बातल, बड़ा ग्लेशियर और खंमीगर ग्लेशियर था। खंमीगर ग्लेशियर से यूटर्न के साथ मनीकर्ण आना था। ये लोग खंमीगर ग्लेशियर पहुंचने तक 7 स्थानों पर ठहरे। बर्फबारी की वजह से ये अपनी आगे की यात्रा जारी नहीं रख पाए थे। 24 सिंतबर को जैसे ही ये आठवें प्वाइंट पर पहुंचे तो सदस्य संदीप ठाकुराता व भास्कदेव मुखोप्धाय पीछे छूट गए थे। 18 हजार फीट की ऊंचाई पर ये तमाम लोग फंस गए थे। इससे पहले बुधवार को 16 लोग काजा आ गए थे। सभी को उपचार के लिए अस्पताल में लेकर जाया गया था।
ये दो लोग तंबू तक नहीं पहुंच पाए तो शेरपा व एक अन्य पोटर पीछे देखने के लिए गए व जहां ये दोनों रुके हुए थे। वहां पर तंबू गाड़ दिया गया। दोनों को स्लीपिंग बैग के साथ टेंट में ठहरा कर फिर आगे चले गए। बाद में उन दोनों की यहीं मौत हो गई थी।
जिलाधीश नीरज कुमार ने कहा कि काजा पहुंचे दल के सभी सदस्यों को प्राथमिक उपचार दिया गया। जिनमें से दो सदस्यों को फ्रास्ट बाईट हुआ था। सभी लोग ठीक हैं। साथ ही उन्होंने रेस्क्यू टीम में शामिल आईटीबीपी, डोगरा स्काउट व पोटर का आभार जताया। साथ ही उन्होंने बताया कि लाहौल स्पिति प्रशासन के एडीएम व उनकी दल ने समन्वय में अहम भूमिका अदा की है।