Kotkhai Rape and Murder Case: कोरोना के चलते फिर टली दोषी नीलू चरानी की सजा पर सुनवाई

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला (Shimla) जिले के बहुचर्चित कोटखाई दुष्कर्म (Kotkhai Rape Case) और हत्याकांड (Murder) मामले में दोषी करार नीलू की सजा पर सुनवाई एक बार फिर टल गई है।;

Update: 2021-06-15 10:09 GMT

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला (Shimla) जिले के बहुचर्चित कोटखाई दुष्कर्म (Kotkhai Rape Case) और हत्याकांड (Murder) मामले में दोषी करार नीलू की सजा पर सुनवाई एक बार फिर टल गई है। मंगलवार को शिमला की एक विशेष अदालत में दोषी को पेश किया गया, लेकिन कोरोना कर्फ्यू की बंदिशों के चलते सजा पर सुनवाई 18 जून तक टल गई है। गुड़िया दुष्कर्म व हत्याकांड में सीबीआई (CBI) की ओर से पेश चालान में दोषी साबित हुए चरानी अनिल उर्फ नीलू को शिमला की विशेष अदालत ने 28 अप्रैल को दोषी करार दिया था। अब दोषी की सजा पर फैसला होना बाकी है। कोरोना कर्फ्यू की बंदिशों के चलते आरोपी को न्यायालय लाना मुश्किल है।

बता दें कि शिमला जिले के कोटखाई के महासू स्कूल की दसवीं की छात्रा 4 जुलाई 2017 को स्कूल से आने के बाद अचानक लापता हो गई थी। दो दिन बाद 6 जुलाई को उसकी लाश शव दांदी के जंगल में नग्न अवस्था में मिली थी। फॉरेंसिक रिपोर्ट में छात्रा के साथ रेप के बाद हत्या की बात सामने आई थी। शुरूआत में शिमला पुलिस ने इसकी जांच की थी। गैंगरेप की धाराओं में मामला दर्ज किया था और पांच आरोपी भी गिरफ्तार किए थे। एसआईटी जांच से जनता संतुष्ट नहीं थी और सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। ये पांचों आरोपी बाद में बेल पर छोड़ दिए गए थे और सीबीआई की ओर से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।

वहीं साल 2017 की 18 जुलाई को कोटखाई थाने में एक आरोपी की संदिग्ध मौत के बाद जनाक्रोश भड़का और कई स्थानों पर उग्र प्रदर्शन हुए। कोटखाई थाना जला दिया गया था। केंद्र की ओर से सीबीआई जांच को लेकर स्थिती स्पष्ट नहीं हो पाई। इस बीच प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिती बिगड़ते देख सरकार सीबीआई जांच को लेकर हाई कोर्ट गई और हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच करने के आदेश जारी किए थे। सीबीआई ने इस मामले में 13 अप्रैल 2018 को एक नीलू नामक एक चिरानी को गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ जुलाई 2018 में कोर्ट में चालान पेश किया था। अब नीलू को दोषी करार दिया गया है।

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