Mausam Ki Jankari: सैलानी पहली बार स्नो प्वाइंट रोहतांग की नहीं कर पाएंगे सैर, जानें वजह

Mausam ki jankari: हिमाचल प्रदेश में विश्वविख्यात स्नो प्वाइंट रोहतांग दर्रे का पर्यटक पहली बार दिसंबर में सैर-सपाटा नहीं कर सकेंगे। 13050 फीट ऊंचा दर्रा नवंबर के पहले सप्ताह हुई बर्फबारी के बाद से ही बंद है।;

Update: 2020-12-04 12:13 GMT

Mausam ki jankari: हिमाचल प्रदेश में विश्वविख्यात स्नो प्वाइंट रोहतांग दर्रे का पर्यटक पहली बार दिसंबर में सैर-सपाटा नहीं कर सकेंगे। 13050 फीट ऊंचा दर्रा नवंबर के पहले सप्ताह हुई बर्फबारी के बाद से ही बंद है। ऐसे में सैलानी छह माह बाद अगले वर्ष मई में रोहतांग की वादियों को निहार सकेंगे। बीआरओ अब दर्रे से बर्फ नहीं हटाएगा। यह पहली बार हो रहा है जब रोहतांग दर्रा 31 दिसंबर से नहीं, बल्कि उस तारीख से दो माह पहले नवंबर में ही सैलानियों के लिए बंद हो गया है।

इसका बड़ा कारण यह है कि अब लाहौल या उससे आगे लेह जाने वालों के लिए अटल टनल रोहतांग एक बड़ा यातायात मार्ग बन चुका है, जो सुचारु चलता रहेगा। हालांकि मनाली-लेह मार्ग को आधिकारिक तौर पर 15 नवंबर को बंद कर दिया जाता है। बावजूद बीआरओ रोहतांग दर्रे को 31 दिसंबर तक यातायात के लिए बहाल करता रहा है। ऐसे में हजारों पर्यटक भी रोहतांग दर्रे पर बर्फबारी का दिसंबर अंत तक लुत्फ उठाते थे। लिहाजा अब बीआरओ ने मनाली के गुलाबा से बर्फ नहीं हटाने का निर्णय लिया है।

हालांकि मनाली पहुंच रहे सैलानी रोहतांग जाने के लिए खासे उत्सुक हैं, लेकिन गुलाबा से आगे बर्फबारी के चलते रोहतांग दर्रा पूरी तरह से अवरुद्ध है। बीआरओ के अनुसार रोहतांग में अभी सात से आठ फीट बर्फ पड़ी है। होटल एसोसिएशन मनाली के अध्यक्ष अनूप राम ठाकुर ने कहा कि मनाली पहुंचने वाला पर्यटक रोहतांग जाने के लिए उत्सुक रहता है। मनाली का पर्यटन कारोबार ज्यादातर रोहतांग दर्रे की ओर जाने वाले पर्यटकों के कारण चलता है। पर्यटकों को यहां साल भर बर्फ देखने को मिलती है। रोहतांग दर्रा अब इस साल नहीं खुलेगा। अगले साल अप्रैल में ही दर्रे से बर्फ हटाने का काम शुरू होगा। यातायात अब अटल टनल रोहतांग से होकर चल रहा है।

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