Mausam ki Jankari: प्रदेश से इसी सप्ताह विदा होगा मानसून, जानें 10 अक्टूबर तक कैसा रहेगा मौसम
Mausam ki Jankari: मौसम विभाग (Weather Department) की मानें तो प्रदेश से इस सप्ताह मानसून (Monsoon) विदाई ले लेगा। वहीं उत्तर भारत के कई राज्यों से दक्षिण-पश्चिमी मानसून के विदा होने की संभावना बन गई है। प्रदेश में 10 अक्तूबर तक मौसम साफ बना रहेगा।;
Mausam ki Jankari: मौसम विभाग (Weather Department) की मानें तो प्रदेश से इस सप्ताह मानसून (Monsoon) विदाई ले लेगा। वहीं उत्तर भारत के कई राज्यों से दक्षिण-पश्चिमी मानसून के विदा होने की संभावना बन गई है। प्रदेश में 10 अक्तूबर तक मौसम साफ बना रहेगा। धूप खिलने से अधिकतम तापमान (Maximum Temperature) में बढ़ोतरी दर्ज होने की संभावना है। बुधवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम साफ रहा। ऊना में अधिकतम तापमान 34.2, बिलासपुर में 33.5, हमीरपुर में 32.5, सुंदरनगर में 31.8, भुंतर में 30.6, कांगड़ा में 30.3, चंबा में 29.8, सोलन में 29.0, नाहन में 28.1, धर्मशाला में 27.6, शिमला में 23.6, कल्पा में 21.5, केलांग में 21.2 और डलहौजी में 19.5 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि तीन से चार दिनों में मानसून के विदा होने का पूर्वानुमान है। लाहौल-स्पीति में ट्रैकिंग, पर्वतारोहण पर रोक
उधर, जनजातीय जिले लाहौल-स्पीति ट्रैकिंग और पर्वतारोहण से जुड़ी गतिविधियां नहीं हो सकेंगी। सर्दियों का मौसम देखते हुए जिला प्रशासन ने इन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिले की भौगोलिक परिस्थितियों और आने वाले सर्दी के दृष्टिगत उपायुक्त नीरज कुमार ने यह आदेश जारी किए हैं। आदेश में स्पष्ट किया है कि ट्रैकिंग और पर्वतारोहण के शौकीन अकसर इस मौसम में भी जिले का रुख करते हैं। कभी भी मौसम प्रतिकूल हो सकता है और ट्रैकर या पर्वतारोही की जान के लिए खतरा हो सकता है। खराब मौसम के चलते खोज एवं बचाव अभियान को अंजाम देने में भी कई तरह की दुश्वारियां रहती हैं।
वहीं इन परिस्थितियों के मद्देनजर उपायुक्त ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 34 के तहत यह आदेश जारी किए हैं, जो आगामी आदेश तक जारी रहेंगे। उपायुक्त लाहौल-स्पीति नीरज कुमार ने कहा कि आदेश की अवहेलना होने की सूरत में नियमानुसार कार्रवाई की जा सकती है। आदेश की प्रति पुलिस अधीक्षक को भेजी गई है, जिससे जिले में प्रवेश करने वाले ट्रैकर या पर्वतारोहियों पर निगरानी रखी जा सके।