50 फिसदी से अधिक सवारियों को बस में चढ़ने से रोका तो लोगों ने की मारपीट, कंडक्टर ने ऐसे बचाई जान
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कोरोना संक्रमण आग की तरह फैल रहा है। कोरोना (Corona) की रोकथाम के लिए सरकार ने कई पाबंदियां लगा रखी हैं। जैसे कि हिमाचल एचआरटीसी (Himachal HRTC) की बसों में सरकार (Government) ने 50 फिसदी ऑक्यूपेंसी के साथ बसों को चलाया जा रहा है।;
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कोरोना संक्रमण आग की तरह फैल रहा है। कोरोना (Corona) की रोकथाम के लिए सरकार ने कई पाबंदियां लगा रखी हैं। जैसे कि हिमाचल एचआरटीसी (Himachal HRTC) की बसों में सरकार (Government) ने 50 फिसदी ऑक्यूपेंसी के साथ बसों को चलाया जा रहा है। शिमला जिले के चौपाल उपमंडल के तहत नेरवा में एचआरटीसी कंडक्टर (HRTC conductor) ने 50 फीसदी सीटों पर ही सवारियों को बैठने के लिए कहा तो लोग भड़ककर मारपीट पर उतारू हो गए और जान से मारने की धमकियां देने लगे।
किसी तरह कंडक्टर ने मौके से भागकर जान बचाई। कंडक्टर की शिकायत पर पुलिस ने सरकारी कर्मी के काम में बाधा पहुंचाने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली है। नेरवा से दईया जाने वाली बस शाम करीब 5 बजे नेरवा चौक पर पहुंची। यहां बहुत सी सवारियां बस के इंतजार में खड़ी थीं। बस के रुकते ही लोग बस में चढ़ गए और बस पैक हो गई। इस पर कंडक्टर विकेश कुमार ने सरकार के आदेशानुसार 50 फीसदी सीटों पर ही लोगों को बैठने के लिए कहा, जिस पर लोग भड़ककर गाली गलौच करने लगे और धमकियां देने लगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मारपीट पर उतारू लोगों से बचने के लिए कंडक्टर को मौके से भागना पड़ा। एचआरटीसी तारादेवी डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक विनोद शर्मा ने बताया कि नेरवा में कंडक्टर के साथ लड़ाई झगड़े के बाद पुलिस में शिकायत दी गई है। 50 फीसदी ऑक्यूपेंसी के चलते अगर यात्रियों को दिक्कत पेश आ रही है तो अड्डा प्रभारी को अतिरिक्त बस चलाने के निर्देश दिए हैं। थाना प्रभारी नेरवा प्रदीप ठाकुर ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
एचआरटीसी के ड्राइवर कंडक्टर मामले की शिकायत को लेकर एसडीएम चौपाल नरेंद्र चौहान के कार्यालय पहुंच गए और कार्रवाई की मांग की। एसडीएम ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है। एचआरटीसी को सरकार के आदेशानुसार 50 फीसदी ऑक्यूपेंसी पर ही बसें चलाने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन सवारियां सरकार के निर्देशों का पालन करने को तैयार नहीं हैं।