PM Kisan Yojana: फर्जी किसान बन सरकारी कर्मचारियों ने डकारे 2.5 करोड़, रिकवरी के लिए बनाया ये प्लान

हिमाचल प्रदेश में किसान सम्मान निधि योजना में घोटाले का मामला सामने आया है। सूबे के कांगड़ा जिले में सरकारी कर्मचारी और अफसर किसानों को मिलने वाले राशि को डकार गए हैं।;

Update: 2020-12-12 07:57 GMT

हिमाचल प्रदेश में किसान सम्मान निधि योजना में घोटाले का मामला सामने आया है। सूबे के कांगड़ा जिले में सरकारी कर्मचारी और अफसर किसानों को मिलने वाले राशि को डकार गए हैं। आयकर विभाग ने यह मामला पकड़ा है। जानकारी के अनुसार, कांगड़ा में 25 सौ लोग पाए गए हैं, जो किसान सम्मान निधि के हक़दार नहीं थे और सरकारी कर्मियों की मिलीभगत से ढाई करोड़ रुपये गबन का गबन कर गए। अब जल्द ही जिला प्रशासन फ़र्जी किसानों से राशि वसूलने की तैयारी कर रहा है। जिला प्रशासन तहसील स्तर पर किसान सम्मान निधि के ढाई करोड़ डकारने वाले करीब 2500 सरकारी कर्मचारियों और रिटायर्ड कर्मियों की सूची तैयार कर रहा है, जिसे तैयार करने के बाद प्रशासन इनसे ढाई करोड़ की रिकवरी करने का काम करेगा। जिसका प्रोसेस कहीं-कहीं शुरू भी होने जा रहा है।

दरअसल, इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान के नाम खेती वाली जमीन होनी चाहिए। किसान सम्मान निधि के आवेदन पत्र पर साफ लिखा होता है कि सरकार के वर्किंग इम्प्लॉय या रिटायर्ड इम्प्लॉय, पूर्व सांसद, मंत्री समेत वो तमाम लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते जो कि 10 हजार रुपये से अधिक की पेंशन पाते हों, बावजूद इसके कांगड़ा में 25 सौ सरकारी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने आवेदन कर ढाई करोड़ रुपये किसान सम्मान निधि अब तक अपने खातों में ले चुके हैं। ऐसा नहीं कि इसमें ये तमाम लोग ही दोषी हैं, बल्कि कहीं न कहीं इस पूरे मामले में उन सरकारी बाबुओं पर भी फर्जीवाड़ा करने का अंदेशा है।

क्या बोले जिलाधीश राकेश प्रजापति

कांगड़ा के जिलाधीश राकेश प्रजापति ने बताया कि गलत तरीके से किसान सम्मान निधि हड़पने वाले सरकारी कर्मचारियों से राशि की रिकवरी की जाएगी। कांगड़ा में करीब ढाई करोड़ रुपये की रिकवरी की जाएगी, जिसकी प्रशासन ने वाकायदा सूची भी तैयार कर ली है और अब उन्हें रिकवरी के लैटर भेजने की तैयारी की जा रही है। हर पतवार सर्कल के पटवारी को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई है।

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