हिमाचल में ठहरना हुआ महंगा, रोप-वे के किराए में हुई कटौती, GST Council की मीटिंग में लिया गया फैसला
जीएसटी काउंसिल की बुधवार को 47वीं बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए है। केंद्र सरकार की तरफ से आयोजित की गई जीएसटी काउंसिल की बैठक में हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। इसमें रोप—वे और होटल को लेकर भी फैसले किए गए है। एक तरफ जहां रोप-वे के किराये पर लगनी वाली जीएसटी को कम कर दिया गया है।;
जीएसटी काउंसिल (GST Council meeting) की बुधवार को 47वीं बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए है। केंद्र सरकार की तरफ से आयोजित की गई जीएसटी काउंसिल की बैठक में हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। इसमें रोप-वे और होटल को लेकर भी फैसले किए गए है। एक तरफ जहां रोप-वे के किराये पर लगनी वाली जीएसटी को कम कर दिया गया है। वहीं, होटल में ठहरने वाले पर्यटकों को अब जेल ढीली करनी होगी।
चंडीगढ़ (Chandigarh) में आयोजित हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में हिमाचल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी, प्रधान सचिव कर एवं आबकारी सुभाशीष पंडा मौजूद रहे। इस दौरान जीएसटी को 18 से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। अब 18 जुलाई से रोप-वे में सफर करने वालों को अधिक जेब ढीली नहीं करनी होगी। जीएसटी कम होने के बाद रोप-वे के टिकट सस्ते हो जाएंगे। प्रदेश सरकार लंबे समय से रोप-वे के किराये को कम करने की मांग कर रही थी।
हिमाचल (Himachal) में अभी तक परवाणू टिंबर ट्रेल रिजॉर्ट, शिमला-जाखू, बिलासपुर-नयना देवी, धर्मशाला और कुल्लू के सोलंगनाला में पांच रोप-वे चल रहे हैं। जीएसटी कम होने के बाद शिमला के जाखू रोप के किराए में करीब 65 रुपये की कमी आएगी। अभी तक जाखू के सफर करने के लिए एक व्यक्ति को 550 रुपये चुकाने होंगे।
हालांकि, होटलों में किराए पर कमरा लेने वालों को अधिक जेब ढीली करनी होगी। होटलों के कमरों पर भी 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। हालांकि, केंद्र सरकार की तरफ से 1 हजार रुपये तक की कीमत वाले कमरों को जीएसटी से बाहर रखा गया था। लेकिन अब एक हजार वाले कमरे के लिए 1120 रुपये चुकाने होंगे।