डेढ़ साल में मप्र में 23 तेंदुओं का हुआ शिकार

5 फरवरी को भी नरसिंहगढ़ सेंचुरी से गंभीर हालत में आई माता तेंदुए की मौत हो गई थी। प्रारंभ रिपोर्ट जहर खाने की बात सामने आई थी। अभी फोरेंसिक रिपोर्ट आना बाकी है।;

Update: 2022-02-10 12:42 GMT

भोपाल। देश में टाइगर स्टेट का दर्ज रखने वाले मप्र में लगातार तेंदुओं के शिकार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले डेढ़ साल में यहां पर करीब 23 तेंदुओं का शिकार हुआ है। एक ताजा मामले में 5 फरवरी को भी नरसिंहगढ़ सेंचुरी से गंभीर हालत में आई माता तेंदुए की मौत हो गई थी।  प्रारंभ रिपोर्ट जहर खाने की बात सामने आई थी।  अभी फोरेंसिक रिपोर्ट आना बाकी है। तो वहीं उसने जहर कैसे खाया इस मामले को लेकर वन विभाग जांच कर रहा है। जानकारी के अनुसार पिछले साल 2021 में जहां प्रदेश में 22 तेंदुओं का शिकार हुआ है। तो वहीं इस साल यानी 2022 में एक तेंदुए की जहर से मौत होने की बात सामने आई है। इस हिसाब से करीब डेढ़ साल में अब तक करीब 23 तेंदुओं की मौत हो चुकी है। इनमें 8 तेंदुओं को करंट लगाकार मौत के घाट उतार दिया। तो वहीं तीन मामलों में खाल, नाखून, दांत जब्त किए गए, जबकि शेष मामलों में तेंदुआ का शव जब्त किया गया है। वन विभाग सूत्रों के अनुसार तेंदुए के अंगों का तांत्रिक क्रिया में कोई उपयोग नहीं होता है, लेकिन इनके अंगों को बाघ के अंग बताकर शिकारी बेच देते हैं। मप्र में बीते साल 46 तेंदुओं की मौत की पुष्टि हुई है।

मप्र में है 3421 तेंदुए

तेंदुओं की संख्या के मामले में मध्य प्रदेश करीब दो दशक से देश में पहले स्थान पर है। वर्ष 2018 में किए गए आकलन के अनुसार प्रदेश में 3421 तेंदुए हैं, लेकिन अब तेंदुओं के संरक्षण की दिशा में कठोर कदम उठाने का समय आ गया है। क्योंकि प्रदेश में तेंदुओं के शिकार के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि तेंदुए आसानी से शिकारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं और ऐसा उनकी बकरी-कुत्तों की चाहत को लेकर होता है। वन विभाग सूत्रों की माने तो तेंदुए को चीतल, काले हिरण के अलावा बकरी और कुत्ता बेहद पसंद है। प्रदेश में बाघ बढ़ रहे हैं, घने जंगल में उनका राज चलता है। इसलिए तेंदुए बस्तियों के नजदीक रहते हैं। यहां उनका बाघ से सामना भी नहीं होता और पसंद के शिकार (बकरी-कुत्ते) भी मिलते रहते हैं और यहीं वे शिकारियों के जाल में फंस जाते हैं।

 22 में से आठ तेंदुओं को करंट लगाकर मारा गया

मध्य प्रदेश में मारे गए 22 में से आठ तेंदुओं को करंट लगाकर मारा गया है। छह की मौत फंदे में फंसने के कारण हुई है। पांच अन्य के शव भी मिले हैं। जिन्हें शिकार की श्रेणी में रखा गया है और तीन मामलों में तेंदुओं की हड्डी, खाल, पंजे, मूंछ के बाल, दांत और नाखून जब्त किए गए हैं।

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