यूपी के एक और हिस्ट्रीशीटर की तलाश MP में, कालिया की पत्नी समेत 3 गिरफ्तार
कालिया और उसकी पत्नी के खिलाफ लखनऊ में दर्ज हैं मुकदमे। पढ़िए पूरी खबर-;
मैहर। उत्तरप्रदेश के अपराधियों के लिए मध्यप्रदेश शरण स्थली बनता जा रहा है। कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के उज्जैन में पकड़े जाने के बाद यूपी एसटीएफ ने एक और संगीन मामले में फरार आरोपियों की तलाश में मैहर में छापामार कार्रवाई करते हुए महिला समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। महिला और उसके पति कालिया के विरुद्ध लखनऊ में मुकदमे दर्ज हैं। उसका पति बाहुबली रेलवे ठेकेदार, जिला पंचायत सदस्य और हिस्ट्रीशीटर है। उसे लखनऊ के विकास दुबे के तौर पर भी पहचाना जाता है।
सूत्रों से हासिल जानकारी के मुताबिक यूपी की लखनऊ पुलिस ने सोमवार को मैहर में दबिश देकर तमाम आपराधिक मामलों में फरार चल रहे यूपी के लखनऊ के अपराधी और बाहुबली ठेकेदार सुरेंद्र उर्फ कालिया की जिला पंचायत सदस्य पत्नी रीता शुक्ला और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है। ये लोग मैहर के एक होटल से पकड़े गए हैं। लेकिन इस सब के बीच मुख्य आरोपी यहां से भी फरार होने में कामयाब हो गया। इसके ऊपर यूपी पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा है।
उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में दर्ज हत्या के प्रयास और 420 के आरोपी रविवार की रात लगभग 7:45 बजे स्कार्पियो नम्बर UP 78 DW 5519 से मैहर पहुंचे। यहां उन्होंने बड़ा अखाड़ा के सामने स्थित विश्वकर्मा के मां यात्री निवास नाम के लॉज में कमरे बुक कराये। कमरों की बुकिंग के लिए इलाहाबाद के नाम पते वाली विवेक मिश्रा नामक शख्स की आईडी दी गई। पता चला है कि जिसकी आईडी पर होटल बुकिंग कराई गई वह ड्राइवर की थी।
यात्री निवास संचालक ने एक ही आईडी पर चार लोगों जिनमें एक महिला और 3 पुरुष शामिल थे। सभी के लिए कमरे बुक कर दिए। अब इस मामले में यात्री निवास संचालक की मुश्किलें भी अब बढ़ सकती हैं। पकड़े गए आरोपियों ने सोमवार की सुबह मैहर में त्रिकूट पर्वत पर विराजीं माता शारदा के दर्शन किये और वापस होटल आ गए। होटल से सुबह लगभग 8 बजे ये निकलने की तैयारी में थे कि तभी तीन गाड़ियों में सवार यूपी की लखनऊ पुलिस ने इन्हें धर दबोचा।
कालिया को लखनऊ का विकास दुबे कहा जाए तो कोई अतिशियोक्ति नहीं होगी। वह दुबे की ही तरह अपराध और राजनीति के गठजोड़ से आगे बढ़ा। कालिया खुद हरदोई के कछौना वार्ड नंबर एक तो उसकी पत्नी रीता वार्ड नंबर दो से जिला पंचायत सदस्य है। वह कछौना थाना का हिस्ट्रीशीटर है और हरदोई व लखनऊ समेत कई जनपदों में उसके खिलाफ गंभीर धाराओं के मुकदमे भी दर्ज हैं।
हुसैनगंज से उसके खिलाफ वर्ष 2007 में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई भी हो चुकी है। कालिया की बड़े रसूखदार नेताओं से नजदीकियां हैं। अयोध्या के एक माफिया और पूर्व विधायक का वह करीबी रहा है। इसके अलावा बसपा के एक अपराधी एमएलसी से भी उसके नजदीकी संबंध रहे हैं। वह अजीत सिंह के साथ भी रहा। माफिया सरगनाओं के वरदहस्त से ही उसने रेलवे के ठेकों में अपना दखल बढ़ाया।