CBI की रिमांड पर GST के 5 अधिकारी, 10 घंटे चला सर्च ऑपरेशन, मिला इतना कैश
जबलपुर में सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स अधीक्षक कपिल कांबले और 4 अन्य अधिकारियों के घरों और दफ्तर से 83.26 लाख रुपए कैश मिला है। कांबले और उनके साथी अधीक्षक सौमेन गोस्वामी, इंस्पेक्टर विकास गुप्ता, प्रदीप हजारी और वीरेंद्र जैन को उइक की जबलपुर टीम ने मंगलवार शाम गिरफ्तार किया था।;
भोपाल। जबलपुर में सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स अधीक्षक कपिल कांबले और 4 अन्य अधिकारियों के घरों और दफ्तर से 83.26 लाख रुपए कैश मिला है। कांबले और उनके साथी अधीक्षक सौमेन गोस्वामी, इंस्पेक्टर विकास गुप्ता, प्रदीप हजारी और वीरेंद्र जैन को उइक की जबलपुर टीम ने मंगलवार शाम गिरफ्तार किया था। ये दफ्तर में ही 7 लाख रुपए की घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गए थे। सभी को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई को पूछताछ के लिए 6 दिन की रिमांड पर सौंपा गया है।
सीबीआई ने छापा मारकर इन्हें दबोच लिया
अब आरोपियों को 20 जून को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इन अफसरों ने 18 मई को दमोह के नोहटा की एक पान मसाला फैक्ट्री को छापा मारकर सीज कर दिया था। फैक्ट्री राजस्थान के दौसा निवासी त्रिलोकचंद सेन की है। इसे रिलीज करने की एवज में एक करोड़ रुपए मांगे गए थे। इसी घूस की आखिरी किश्त के रूप में जब ये लोग जीएसटी दफ्तर में 7 लाख रुपए ले रहे थे, तभी सीबीआई ने छापा मारकर इन्हें दबोच लिया।
10 घंटे चली जांच कार्रवाई
10 घंटे की जांच में टीम ने पाया कि कांबले था तो सुपरिटेंडेंट, लेकिन पूरे ऑफिस में इसका रुतबा डिप्टी कमिश्नर से कम नहीं था। उइक को कांबले के रांझी स्थित घर से 3 लाख रुपए मिले हैं। इंस्पेक्टर प्रदीप हजारी के घर से 41 लाख, उसके ऑफिस के केबिन से 16.88 लाख रुपए बरामद हुए। इंस्पेक्टर विकास गुप्ता के घर से 18.29 लाख रुपए, उसके ऑफिस केबिन से 1.50 लाख रुपए मिले हैं। इंस्पेक्टर वीरेंद्र जैन के ऑफिस केबिन से 2.60 लाख रुपए मिले है। सौमेन गोस्वामी सिविल लाइन में, प्रदीप हजारी अधारताल, विकास गुप्ता गढ़ा और वीरेंद्र जैन राईट टाउन में रहते हैं।
रिश्वत देने के लिए कर्ज लिया था 25 हजार रुपए
त्रिलोकचंद सेन ने बताया कि उन्हें जीएसटी अधिकारियों द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा था। रुपए के लिए इतने कॉल आ रहे थे कि वो और उनका पूरा परिवार डिप्रेशन में आ रहा था। हालात यह हो गए कि कई बार आत्महत्या करने तक का सोच लिया। जैसे-तैसे खुद को संभाला और बाजार से कर्ज लेकर रिश्वत के 25 लाख रुपए दिए। इसके बाद भी कांबले ने परेशान करना जारी रखा। ये लोग इतने होशियार थे कि हर बार वॉट्सऐप कॉल कर रिश्वत के रुपए मांगते थे।
ट्रैप के लिए सीबीआई ने नागपुर ने बुलाई टीम
त्रिलोकचंद सेन के मैनेजर भागीरथ राय और गिरिराज विजय ने 12 जून को ही जबलपुर स्थित सीबीआई को लिखित शिकायत की। इस पर सीबीआई जबलपुर एसपी रिचपाल सिंह ने नागपुर से एजेंसी की टीम बुलवाई, जिसने कांबले और उनके साथियों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ में और भी कई अहम खुलासे हो सकते हैं।