गुना में किसान परिवार पर बर्बरता मामले में हटाए गये 6 पुलिसकर्मी, मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

इस मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पहले ही कलेक्टर और एसपी को हटा दिया है। पढ़िए पूरी खबर-;

Update: 2020-07-16 13:01 GMT

गुना। जिले के जगनपुर में अतिक्रमण के दौरान पुलिस की बर्बरता के मामले में 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। वहीं घटना स्थल का मुआयना करने के लिए आईजी भी मौके पर पहुंचे हुए हैं। इस घटना की मध्यप्रदेश के साथ पूरे देश में निंदा की जा रही है और पुलिस की कार्यवाही पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। इस मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पहले ही कलेक्टर और एसपी को हटा दिया है।

निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में उपनिरीक्षक अशोक सिंह कुशवाहा, थाना कैंट, आरक्षक राजेन्द्र शर्मा पुलिस लाइन गुना, आरक्षक पवन यादव पुलिस लाइन, गुना, आरक्षक नरेन्द्र रावत. पुलिस लाइन, गुना महिला आरक्षक नीतू यादव, पुलिस लाइन, गुना महिला आरक्षक 849 रानी रघुवंशी, पुलिस लाइन गुना शामिल है।

इस घटना में पुलिस की मार से घायल और जहरीला पदार्थ खाने के बाद अस्पताल पहुंचे दंपति की हालत में फ़िलहाल पहले से सुधार बताया जा रहा है। वहीं पीड़ित दंपति के बच्चों को उनके दादा-दादी के संरक्षण में रखा गया है। वहीं अस्पताल में घायल पीड़ितों की देखरेख राजकुमार अहिरवार एवं सावित्री बाई की सास-ससुर द्वारा की जा रही है।

गौरतलब है कि गुना के कैंट थाना क्षेत्र के जगनपुर में आदर्श महाविद्यालय को आवंटित भूमि में अतिक्रमण के विरूद्ध कार्रवाई की गई थी। मंगलवार को गुना कैंट इलाके में कॉलेज की जमीन पर कब्जा हटाने के दौरान वहां खेती कर रहे किसान दंपति ने कीटनाशक पी लिया था। इसी दौरान पुलिस ने किसान के स्वजनों पर लाठीचार्ज किया था। बुधवार को मामले का वीडियो वायरल होने पर बवाल मच गया।

अनुसूचित जाति वर्ग के एक किसान परिवार पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई को गंभीरता से लेते हुए राज्य शासन ने देर रात ग्वालियर रेंज के आइजी राजाबाबू सिंह, गुना के कलेक्टर एस. विश्वनाथन और पुलिस अधीक्षक तरण नायक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। आइजी पुलिस मुख्यालय में पदस्थ अविनाश शर्मा को ग्वालियर रेंज का नया आइजी व 26 वीं वाहिनी गुना के सेनानी राजेश कुमार सिंह को नया एसपी बनाया गया है।

मंगलवार की देर शाम मुख्यमंत्री चौहान ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के साथ गुना कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाने के निर्देश दिए थे। देर रात सामान्य प्रशासन विभाग ने गुना के कलेक्टर एस. विश्वनाथन और गृह विभाग ने आइजी राजाबाबू सिंह व पुलिस अधीक्षक नायक को हटा दिया।

दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि घटना के उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। भोपाल से टीम गुना जाकर मामले की जांच करेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने ट्वीट किया है कि- 'गुना के कैंट थाना क्षेत्र की घटना का वीडियो देखकर व्यथित हूं। इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचा जाना चाहिए। मैंने तत्काल अधिकारियों को उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं। भोपाल से जांच दल मौके पर जाकर पूरी घटना की जांच करेगा। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसपर कार्रवाई करेंगे।

विपक्ष ने साधा निशाना

इस संबंध में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राहुल गाँधी के ट्वीट पर रीट्वीट करते हुए कहा कि- 'क़ानून व्यवस्था की स्थिति बदतर व नियंत्रण से बाहर। गुंडो - अपराधियों में क़ानून का ख़ौफ़ ख़त्म होता जा रहा है। प्रदेश जंगल राज की और लौट रहा है। सरकार तबादलों व चुनावों में व्यस्त , प्रदेश भगवान भरोसे।

प्रदेश के मंडला के मनेरी गाँव में हुए वीभत्स हत्याकांड की ख़बर बेहद दुःखद व निंदनीय। आख़िर प्रदेश को क्या हो गया है ? प्रतिदिन हत्या,लूट,दुष्कर्म,चोरी,अपराध की घटनाएँ घटित हो रही है। ज़िम्मेदार सिर्फ़ बंद कमरों में बैठकर क़ानून व्यवस्था की समीक्षा की औपचारिकता कर रहे है।

क्या ऐसी हिम्मत इन क्षेत्रों में तथाकथित जनसेवकों व रसूख़दारों द्वारा क़ब्ज़ा की गयी हज़ारों एकड़ शासकीय भूमि को छुड़ाने के लिये भी शिवराज सरकार दिखायेगी ? ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। इसके दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्यवाही हो , अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।' 

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