Nursing officers strick: मरीजों की फिर बढ़ेगी परेशानी, आज से काम बंद हड़ताल पर रहेंगे प्रदेशभर के 60 हजार नर्सिंग अधिकारी

मध्यप्रदेश में आज से नर्सिंग अधिकारी ने अपनी 8 सूत्री मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लंबे वक्त से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे नर्सिंग अफसरों को सरकार और प्रशासन की तरफ से कोई भी जवाब नहीं मिलने की वजह से काम बंद हड़ताल पर चले गए है।;

Update: 2023-07-10 05:45 GMT

इंदौर :मध्यप्रदेश में आज से नर्सिंग अधिकारी ने अपनी 8 सूत्री मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लंबे वक्त से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे नर्सिंग अफसरों को सरकार और प्रशासन की तरफ से कोई भी जवाब नहीं मिलने की वजह से काम बंद हड़ताल पर चले गए है।बता दें कि नर्सिंग आफिसर एसोसिएशन 3 जुलाई से अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर रहे है। जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। 

शनिवार को भी नर्सिंग स्टाफ ने 1 घंटे काम बंद हड़ताल किया

बता दें कि आठ सूत्री मांगों को लेकर शनिवार को जिला अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने 1 घंटे की काम बंद हड़ताल की। उन्होंने चेतावनी दी है की यदि शाम तक उन्हें सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो वे सोमवार 10 जुलाई से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। नर्सिंग आफिसर एसोसिएशन की तरफ से उठाये गए इस कदम की वजह से प्रदेशभर में आज चिकित्सा सेवा प्रभावित रहेगी।

प्रदेशभर में 60 हजार नर्सिंग अधिकारी रहेंगे हड़ताल पर

इस बार में बात करते हुए एक अधिकारियों ने बताया कि कई वर्षो से मांगों को लेकर ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ। जिला चिकित्सालय व मेडिकल कालेजों में समस्त नर्सिंग अधिकारी सुबह 8 बजे से काम बंद कर हड़ताल पर चले जाएंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। बता दें कि प्रदेशभर में 60 हजार और इंदौर में करीब छह हजार नर्सिंग अधिकारी हड़ताल पर रहेंगे। इससे एमवाय, एमटीएच, पीसी सेठी, जिला अस्पताल आदि में मरीजों को असुविधाएं होगी।

ये हैं प्रमुख मांगे...

= अन्य प्रदेशों की भांति सेकेंड ग्रेड दिया जाए।

= नर्सिग संवर्ग के वेतन विसंगति को दूर किया जाए।

= चिकित्सकों की तरह रात्रि भत्ता दिया जाए।

= ग्वालियर रीवा मेडिकल कालेज की तरह वेतन वृद्धि दी जाए।

= नर्सिंग स्टूडेंट का स्टाइपेंड रु. 3000/- से बढ़ाकर 8000/- किया जाए।

= नर्सिंग संवर्ग की पदोन्नति हेतु जब तक माननीय न्यायालय में निर्णय विचाराधीन है। ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा पद प्रभार के तौर पर प्रभारी बनाया जाए।

= सहायक संचालक के पद पर नर्सिंग संवर्ग से ही कार्य कराया जाए।

= प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वसाशी अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ जनवरी 2016 से दिया जाए।

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