UJJAIN NEWS; महाकाल के दर्शन होंगे आसान, ढाई सौ मीटर लंबी सुरंग से हर रोज 8 लाख श्रद्धालु महादेव का ले सकेंगे आशीर्वाद
भक्तों को महाकाल दर्शन आसानी से हो सके। इसके लिए उज्जैन में ढाई सौ मीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है। जिसके जरिए हर रोज 8 से 10 लाख श्रद्धालु महादेव का आशीर्वाद ले सकेंगे। जिसका लोकार्पण 05 अक्टूबर को सीएम शिवराज द्वारा किया जाएगा।;
उज्जैन :महादेव की नगरी उज्जैन में हर दिन लाखों की तादाद में भक्त बाबा के दर्शन के लिए पहुंचते है। महादेव के प्रति भक्तों की इतनी ज्यादा श्रध्दा है कि सुबह से ही उनके दरबार में श्रद्धालु का ताता लगा रहता है। जिसकी वजह से मंदिर परिसर भीड़ ज्यादा हो जाती है। जिसको देखते हुए भक्तों को महाकाल दर्शन आसानी से हो सके। इसके लिए उज्जैन में ढाई सौ मीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है। जिसके जरिए हर रोज 8 से 10 लाख श्रद्धालु महादेव का आशीर्वाद ले सकेंगे। जिसका लोकार्पण 05 अक्टूबर को सीएम शिवराज द्वारा किया जाएगा।
700 से ज्यादा CCTV कमरे लगाए जाएंगे
इसके साथ ही अबको बता दें कि मंदिर परिसर में ढाई सौ मीटर लंबी सुरंग बनाई गई है जो सीधे गर्भगृह के दाई तरफ खुलेगी। त्योहार और सिंहस्थ के समय इस सुरंग से भक्त दर्शन के लिए आ सकेंगे। कुल 30 लाइनों के माध्यम से महाकाल के दर्शन की व्यवस्था हो जाएगी और आसानी से आठ से दस लाख लोग मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। इसके साथ ही जगह जगह पर 700 से ज्यादा CCTV कमरे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही आपको बता दें कि ‘‘श्री महाकाल महालोक गलियारे'' के दूसरे चरण के तहत 242.35 करोड़ रुपये की लागत से तैयारी किया जा रहा है। इनमें नीलकंठ क्षेत्र, शक्तिपथ, अन्न क्षेत्र, महाराजवाड़ा परिसर और छोटा रुद्रसागर के विकास कार्य शामिल हैं, जिन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है।
20 करोड़ की लागत से भोजनशाला भी तैयार
उज्जैन को मिल रही सौगात को लेकर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि महाकाल लोक के दूसरे चरण की तैयारी पूरी है, हमने मंदिर में भविष्य की जरुरतों को देखते हुए काम किए है। महाकाल लोक में पार्किंग की क्षमता बढ़ाई है और त्रिवेणी गेट से भक्तों की एंट्री को सुगम किया है। रुद्र सागर में एक ब्रिज भी बनाया जा रहा है, हालांकि उसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। अनुभूति वन और तपोवन का निर्माण भी किया गया है। इसके अलावा एक पुराने स्कूल को हेरिटेज होटल में बदला गया है। महाकाल लोक के दूसरे चरण में 20 करोड़ की लागत से भोजनशाला भी तैयार की गई है। जिसमें एक साथ तीन हजार लोग भोजन कर सकेंगे और दिनभर में एक लाख लोगों के भोजन की व्यवस्था होगी। अन्नक्षेत्र भक्तों के लिए निशुल्क होगा। अन्नक्षेत्र में माह में एक बार दाल बाफले भी बनाए जा सकेंगे।