छह साल के बाद सुहास भगत की संघ में वापसी, हितानंद नए प्रदेश संगठन महामंत्री बने
मप्र भाजपा में लगभग छह साल तक प्रदेश संगठन महामंत्री रहे सुहास भगत की संघ में वापसी की लंबे समय से तैयारी चल रही थी। साल 2016 में सुहास भगत को संघ से भाजपा में भेजा गया था। उस समय संगठन और सत्ता में समन्वय की कमी थी, जिसके बाद सुहास भगत ने...;
भोपाल। मप्र ( MP ) भाजपा ( BJP ) में लंबे समय तक प्रदेश संगठन महामंत्री ( State Organization General Secretary ) रहने के बाद सुहास भगत ( Suhas Bhagat ) को संघ ने वापस बुला लिया है। सुहास भगत को मध्य क्षेत्र का बौद्धिक प्रमुख बनाया गया है। उनके स्थान पर अभी तक प्रदेश सह संगठन महामंत्री की जवाबदारी संभाल रहे हितानंद शर्मा ( Hitanand Sharma ) को प्रदेश संगठन महामंत्री नियुक्त किया गया है। जानकारी के अनुसार इस संबंध में 11 मार्च से 13 मार्च तक कर्णावती ( अहमदाबाद) गुजरात में हुई राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अभा प्रतिनिधि सभा की बैठक में हरी झंडी मिलने के बाद इस परिवर्तन पर मुहर लगी है।
मप्र भाजपा में लगभग छह साल तक प्रदेश संगठन महामंत्री रहे सुहास भगत की संघ में वापसी की लंबे समय से तैयारी चल रही थी। साल 2016 में सुहास भगत को संघ से भाजपा में भेजा गया था। उस समय संगठन और सत्ता में समन्वय की कमी थी, जिसके बाद सुहास भगत ने समन्वय बनाने की पूरी कोशिश की। इस बीच तीन - तीन प्रदेश अध्यक्ष भी बदले गए। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद मप्र में भाजपा के हाथ से सत्ता छिन जाने के बाद सुहास भगत को भी हटाए जाने की चचार्एं चल पड़ीं, लेकिन चार महीने बाद लोकसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें नहीं हटाया गया। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में मप्र में भाजपा को मप्र में बड़ी सफलता मिली और 29 लोकसभा सीटों में से 28 सीटें जीतने में भाजपा सफल रही। जिसके बाद प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत के संगठन कौशल को एक बार फिर सराहा गया और उनकी वापसी टल गई। लेकिन इसके बाद भगत की निर्णय क्षमता पर सवाल उठने लगे।
संगठन मुद्दों पर बैकफुट पर आ गए थे भगत -
वे संगठन के विवादास्पद मुद्दों पर संघ की लाइन अनुरूप सख्त निर्णय लेने के बजाय बैकफुट पर रहने लगे। जिससे उनकी भूमिका कम होती गई। इसके बाद एक बार फिर उनको बदले जाने की बात उठी, लेकिन दो साल तक कोरोना संक्रमण के चलते पार्टी का फोकस सेवा गतिविधियों पर रहा और भगत ने भी इसमें मानीटरिंग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी बीच प्रदेश सह संगठन महामंत्री पद पर हितानंद शर्मा की नियुक्ति के बाद जल्द ही उन्हें प्रदेश संगठन महामंत्री के रूप में मुख्य भूमिका में लाने की कोशिशें भाजपा के अंदर कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा की जाने लगीं। जिसके बाद हाल ही में संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में उनकी संघ वापसी पर सहमति बन गई।
युवाओं को आगे लाने में की मदद -
प्रदेश संगठन महामंत्री के रूप में सुहास भगत ने नयी पीढ़ी की भाजपा बनाने में बड़ा योगदान दिया। मध्य प्रदेश को देश का पहला राज्य बनाया जहां पर सभी मंडल अध्यक्ष 40 वर्ष से कम आयु के हैं। सभी महानगरों में युवाओं को जिला अध्यक्ष नियुक्त करने में बड़ी भूमिका निभायी। संगठनात्मक नियुक्तियों में विधायकों के एकाधिकार को समाप्त किया। सिंधिया गुट के साथ समन्वय स्थापित करने में उनकी बड़ी भूमिका रही।