Mahakal Lok: महाकाल लोक की फिर बढ़ेगी सुंदरता, सप्त ऋषियों की मूर्तियों का इस दिन होगा लोकार्पण, तैयारियां तेज
28 मई 2023 को शहर में आए आंधी-तूफान के कारण सप्तऋषि की मूर्तियां जमीन पर गिरकर टूट गई थीं। जिसकी वजह से महाकाल की सुंदरता थोड़ी कम हो गई थी। लेकिन अब दोबारा श्रद्धालुओं को महाकाल में सप्तऋषि के दर्शन होंगे। जिसको लेकर तैयारी भी तेज कर दी गई है। कहा जा रहा है कि 20 अगस्त को इनका लोकार्पण किया जाएगा।;
उज्जैन : महादेव की नगरी उज्जैन के महाकाल लोक में स्थापित सप्तऋषियों की मूर्तियां खंडित होने के बाद से कोंग्रेसियों ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए मूर्तियों की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े किए थे। जिसको लेकर सीएम सरकार ने वादा किया था कि जल्द ही दोबारा मूर्तियों को पुनर्स्थापित किया जाएगा। इसी कड़ी में मूर्तियों को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। जिसमे कहा जा रहा है कि सप्तऋषि की प्रतिमाएं बनाकर पूरी तरह तैयार हो गई है। जिन्हे जल्द ही महाकाल लोक में सजाया जाएगा।
20 अगस्त को मूर्तियों का किया जाएगा लोकार्पण
बता दें कि 28 मई 2023 को शहर में आए आंधी-तूफान के कारण सप्तऋषि की मूर्तियां जमीन पर गिरकर टूट गई थीं। जिसकी वजह से महाकाल की सुंदरता थोड़ी कम हो गई थी। लेकिन अब दोबारा श्रद्धालुओं को महाकाल में सप्तऋषि के दर्शन होंगे। जिसको लेकर तैयारी भी तेज कर दी गई है। कहा जा रहा है कि 20 अगस्त को इनका लोकार्पण किया जाएगा। मुख्यमंत्री के भी इस कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है। हालांकि अभी तक तारीख को लेकर कोई भी पक्की जानकारी सामने नहीं आई है।
मूर्तियों को मजबूती प्रदान करने हुआ खास काम
बता दें कि इस बार मूर्तियों का निर्माण मुंबई में खास तरीके से किया गया है। भगवान शिव सहित शेष सभी देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी मजबूती प्रदान करने के लिए खोखली मूर्तियों के भीतर लोहे के भारी पाइप का स्ट्रक्चर बनाया। पेडस्टल पर सरिया-सीमेंट-कांक्रीट का कालम खड़ा किया। शेष मूर्तियों की मजबूती का काम भी पूर्णता की ओर है।
28 मई को तूफान की वजह से मूर्तियां हुई थी खंडित
इसके पहले मूर्तियों का निर्माण पेडस्टल से स्थापित फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से किया गया था। लेकिन 28 मई को तेज अंधी और तूफान के चलते सप्त ऋषियों की मूर्तियां गिरकर खंडित हो गई थी। जिसको लेकर कोंग्रेसियों ने जमकर हंगामा करते हुए बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। बता दें कि सप्त ऋषियों की मूर्तियां का निर्माण 800 करोड़ रूपए की लागत से किया गया था। लेकिन तूफान की वजह से 7 फ़ीट की 7 मूर्तिया टूटकर खंडित हो गई थी।