भारती की न्याय यात्रा से पहले मध्यप्रदेश सरकार ने की नेमावर हत्याकांड की सीबीआई जांच की सिफारिश
मध्यप्रदेश के देवास जिले के नेमावर में हुए हत्याकांड के लगभग 6 माह बाद अचानक मध्यप्रदेश सरकार ने इस कांड की सीबीआई से जांच की सिफारिश कर दी। नेमावर में जिस आदिवासी परिवार का नरसंहार हुआ था उस परिवार में सिर्फ एक लड़की भारती कास्डे ही बची है। यह लड़की 1 जनवरी से न्याय यात्रा निकालने वाली है। यात्रा 6 जनवरी को भोपाल पहुंचेगी। सीबीआई जांच की सिफारिश के बावजूद भारती न्याय यात्रा पर अड़ी है। सरकार की इस सिफारिश को आदिवासी वोट बैंक की चिंता से जोड़कर देखा जा रहा है।;
भोपाल। मध्यप्रदेश के देवास जिले के नेमावर में हुए हत्याकांड के लगभग 6 माह बाद अचानक मध्यप्रदेश सरकार ने इस कांड की सीबीआई से जांच की सिफारिश कर दी। नेमावर में जिस आदिवासी परिवार का नरसंहार हुआ था उस परिवार में सिर्फ एक लड़की भारती कास्डे ही बची है। यह लड़की 1 जनवरी से न्याय यात्रा निकालने वाली है। यात्रा 6 जनवरी को भोपाल पहुंचेगी। सीबीआई जांच की सिफारिश के बावजूद भारती न्याय यात्रा पर अड़ी है। सरकार की इस सिफारिश को आदिवासी वोट बैंक की चिंता से जोड़कर देखा जा रहा है। इस कांड के बाद भीम आर्मी ने आंदोलन किया था और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी पीड़ित परिवार से मिलने नेमावर गए थे। विपक्ष प्रारंभ से इसकी सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहा था।
सरकार ने दिया था 41 लाख का मुआवजा
मध्यप्रदेश सरकार ने पीड़ित परिवार को 41 लाख रुपए का मुआवजा देकर इस परिवार के प्रति सहानुभूति व्यक्त की थी। आरोपियों के घर पर बुल्डोजर तक चलवाया। बावजूद इस मामले में राजनीति नहीं थमी।
इस तरह हुआ था खुलासा
इस हत्यांकाड को लेकर खुलासा हुआ था कि मुख्य आरोपी सुरेंद्र केसरिया हिन्दू संगठन का पदाधिकारी है। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक ही आदिवासी परिवार के 5 लोगों की हत्या की और शव खेत में दफना दिए थे। मुख्य आरोपी का मृतक रूपाली के साथ प्रेम प्रसंग था। सुरेंद्र की शादी कही और तय हो गई। प्रेमिका रूपाली उसे शादी के लिए तंग कर रही थी। उसे रास्ते से हटाने के लिए सुरेंद्र ने अपने भाई वीरेंद्र राजपूत, 2 नौकरों और 2 दोस्तों की मदद से परिवार की हत्या कर दी और जमीन में दफन कर दिया।