Bhopal: शिक्षा मंत्री का एमबीबीएस के छात्रों को उपहार, 750 को मिली मुफ्त में किताबें
Bhopal: शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग द्वारा गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में हुए राज्य स्तरीय वितरण समारोह के दौरान 750 एमबीबीएस फर्स्ट इयर छात्रों को निशुल्क किताबें दी गई हैं। इस कार्यक्रम में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हिंदी में एमबीबीएस 2.0 की भी शुरूआत हो चुकी है। पढ़िये आगे क्या कहा...;
Bhopal News: भोपाल में एमबीबीएस छात्र बेहतर तरीके से पाठ्यक्रम को समझ सकें, इसके लिए उन्हें हिंदी की किताबें दी जा रही हैं। शहर के गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में हुए राज्य स्तरीय वितरण समारोह के दौरान 750 एमबीबीएस फर्स्ट इयर छात्रों को किताबें मुफ्त में दी गईं। जीएमसी के 78 छात्रों को हिंदी की पाठ्य पुस्तकों का वितरण चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने किया। वहीं, प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों में यह किताबें वीडियो कॉन्फ्रेंस पर संवाद के बाद उपलब्ध कराई गई। इस दौरान अधिकारियों ने कहा कि अभी 650 छात्र इन किताबों के लिए वेटिंग में हैं।
इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हिंदी में एमबीबीएस 2.0 की भी शुरूआत हो चुकी है। इसके तहत सितंबर माह तक एमबीबीएस सेकंड, थर्ड एवं फोर्थ ईयर की भी हिंदी पाठ्य पुस्तकें तैयार हो जाएंगी। साथ ही उन्होंने मौजूद लगभग 200 एमबीबीएस विद्यार्थियों से किताबों को लेकर चर्चा भी की। साथ ही 15 दिनों में उपलब्ध कराई गई किताबों पर फीडबैक मांगी है, जिनके आधार पर परिवर्तन की आवश्यकता होने पर अगले संस्करण में सुधार किया जाएगा।
97 डॉक्टरों की टीम ने 4 महीने तैयार की किताबें
एमबीबीएस पहले साल की तीनों पाठ्यपुस्तकों एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायो कैमेस्ट्री का हिंदी में रूपांतरण किया गया है। इनमें व्यवहारिक पक्ष रखते हुए तकनीकी शब्दों को देवनागरी लिपि में लिखा गया है, जिससे विद्यार्थियों को समझने में आसानी हो। बता दें, प्रदेश के 97 डॉक्टरों की टीम ने 4 महीने में रात-दिन काम कर अंग्रेजी की किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया है।
छात्र बोले: पूरा होगा डॉक्टर बनने का सपना
जीएमसी के एमबीबीएस फर्स्ट इयर के छात्र अंकित पांडे ने बताया कि उन्होंने सीधी जिले में 12वीं तक की पढ़ाई हिन्दी में की है। हिन्दी में मेडिकल की किताबों से हर उस बच्चे का डॉक्टर बनने का सपना सच होगा, जिसकी अंग्रेजी पर पकड़ कमजोर है। एक अन्य छात्र नवीन ने कहा कि इन किताबों से मदद मिलेगी। यह पढ़ाई के लिए अनूकूल वातावरण मुहैया कराएंगी। साथ ही, अब हिन्दी मीडियम का हर छात्र अंग्रेजी मीडियम के छात्रों के साथ कम्पीट कर सकेंगे।
फर्स्ट इयर के 2200 छात्र, अकेले भोपाल में 250
प्रदेश सरकार के 13 मेडिकल कॉलेजों में फर्स्ट इयर के कुल 2200 छात्र हैं। इनमें से अब तक 750 छात्रों को यह किताबें दी गई हैं। साथ ही 650 छात्र वेटिंग में हैं। इसी प्रकार जीएमसी में 250 छात्र हैं, जिनमें से 78 को किताबें मिली हैं और 50 से अधिक छात्र अभी इंतजार कर रहे हैं।