Bhopal Metro : मेट्रो ने 2 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पूरा किया साढ़े तीन किमी का सफर
भोपाल की गिनती अब मेट्रो शहरों में होने लगी है, क्योंकि मंगलवार से मेट्रो का बायडक्ट पर सेफ्टी ट्रायल रन शुरू हो गया।;
भोपाल। की गिनती अब मेट्रो शहरों में होने लगी है, क्योंकि मंगलवार से मेट्रो का बायडक्ट पर सेफ्टी ट्रायल रन शुरू हो गया। पहली बार लोगों ने बायडक्ट पर मेट्रो को देखा और सुभाष नगर डिपो से रैंप के ट्रैक से होते हुए बायडक्ट पर जैसे ही मेट्रो पहुंची तो लोगों ने भोपाल में स्वागत है कह कर तालियां बजाईं। मेट्रो के अंदर बैठे सेफ्टी कर्मचारियों ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया।अधिकारियों के अनुसार पहली बार बायडक्ट ट्रैक पर पहुंचते ही उसकी गति काफी धीमी रखी गई। सुरक्षा कारणों से सुभाष नगर स्टेशन पर पहुंचते ही उसको 2 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की तरफ रवाना किया गया। गति धीमी होने से यह दूरी मेट्रो ने आधे घंटे में पूरी की। यह ट्रायल सफल रहा।
कर्मचारियों ने की सेफ्टी की जांच
सुभाष नगर डिपो से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन तक मेट्रो ट्रेन ने मंगलवार को तीन चक्कर लगाकर सेफ्टी ट्रायल किया। इस दौरान मेट्रो के अंदर बैठे कर्मचारियों ने बोगी के अंदर आ रही आवाज की भी जांच की। साथ ही तीन चक्कर के बाद डिपो में आने तक भी जांच की गई।कई जगह देखने वालों की लगी रही भीड़: मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन देखने के लिए केंद्रीय विद्यालय से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन तक के रास्ते में दोनों तरफ ही कई लोग अपनी मेट्रो देखने के लिए खड़े रहे। इस दौरान कई बार तालियां भी बजीं।
मेट्रो डिपो में सेफ्टी प्रोसेस और ट्रायल रन पूरा
अधिकारियों के अनुसार, मेट्रो डिपो में सेफ्टी प्रोसेस और ट्रायल रन पूरा होने के बाद ही उसे बायडक्ट के ट्रैक पर लाया गया था। जबकि मंगलवार को वापस डिपो में आने के बाद दोबारा इसकी जांच की गई। क्योंकि बायडक्ट पर सेफ्टी ट्रायल रन के दौरान अगर कोई खामी नजर आई हो तो उसे दूर किया जा सके। 2 अक्टूबर को फाइनल ट्रायल रन किया जाएगा।
एक हफ्ते बाद ही आ गई बायडक्ट पर ट्रेन
गुजरात के सांवली बड़ोदरा से करीब 850 किमी की दूरी तय करने के बाद 17 सितंबर की रात में कोच भोपाल आ गए थे। 18 सितंबर को उन्हें डिपो में बने इंस्पेक्शन बे लाइन पर लाया गया था। इसके बाद सीनियर इंजीनियर्स, टेक्निकल एक्सपर्ट्स सुपरवाइजर सहित 50 से ज्यादा लोगों की टीम ने कोच को कनेक्ट करने और उनकी टेस्टिंग में लगी थी। 8 दिन यह काम करने के बाद सोमवार को मेट्रो ट्रैक पर चलाकर देखी गई। जबकि मंगलवार से इसे सुभाष नगर से लेकर आरकेएमपी स्टेशन तक चलाकर ट्रायल रन शुरू किया गया।
आठ मेट्रो स्टेशन का चल रहा है काम
प्रायोरिटी कॉरिडोर में कुल आठ स्टेशन हैं। इनमें एम्स हॉस्पिटल, अलकापुरी, बोर्ड ऑफिस, सरगम टॉकीज, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, केंद्रीय स्कूल और सुभाष नगर स्टेशन शामिल हैं। ट्रायल रन करीब साढ़े तीन किमी में सुभाष नगर स्टेशन से आरकेएमपी स्टेशन तक किया जा रहा है।